अमेरिकी अखबार के इंटरव्यू में पीएम ने की सुरक्षा परिषद सदस्यता की वकालत
Jun 20, 2023, 13:06 IST
नई दिल्ली, 20 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अमेरिकी यात्रा से पूर्व वहां के प्रमुख समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए साक्षात्कार में भारत को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता दिए जाने की वकालत की है।प्रधानमंत्री ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वर्तमान स्थिति की समीक्षा होनी चाहिए। दुनिया से यह पूछा जाना चाहिए क्या वह भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनते देखना चाहती है।
उन्होंने कहा- "मैं स्पष्ट कर दूं कि हम भारत को किसी देश की जगह लेने के रूप में नहीं देखते हैं। हम इस प्रक्रिया को भारत द्वारा विश्व में अपना उचित स्थान प्राप्त करने के रूप में देखते हैं।" प्रधानमंत्री ने अमेरिका के साथ संबंधों पर कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत और गहरे हैं । दोनों देशों के नेताओं के बीच अभूतपूर्व विश्वास है।
साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि दुनिया के सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों और एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। आपसी झगड़ों का समाधान कूटनीति और बातचीत से किया जाए। उन्होंने कहा है कि चीन के साथ सामान्य संबंध के लिए जरूरी है कि सीमा पर सामान्य स्थिति और शांति बहाल होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि दूसरे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। साथ ही नियमों पर आधारित व्यवस्था के तहत शांतिपूर्ण ढंग से आपसी मुद्दों और विवादों का समाधान होना चाहिए।
उन्होंने कहा- "मैं स्पष्ट कर दूं कि हम भारत को किसी देश की जगह लेने के रूप में नहीं देखते हैं। हम इस प्रक्रिया को भारत द्वारा विश्व में अपना उचित स्थान प्राप्त करने के रूप में देखते हैं।" प्रधानमंत्री ने अमेरिका के साथ संबंधों पर कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत और गहरे हैं । दोनों देशों के नेताओं के बीच अभूतपूर्व विश्वास है।
साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि दुनिया के सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय नियमों और एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। आपसी झगड़ों का समाधान कूटनीति और बातचीत से किया जाए। उन्होंने कहा है कि चीन के साथ सामान्य संबंध के लिए जरूरी है कि सीमा पर सामान्य स्थिति और शांति बहाल होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि दूसरे देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। साथ ही नियमों पर आधारित व्यवस्था के तहत शांतिपूर्ण ढंग से आपसी मुद्दों और विवादों का समाधान होना चाहिए।