संसद सुरक्षा चूक मामलाः आरोपित नीलम आजाद की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस
Updated: Mar 3, 2025, 20:45 IST

नई दिल्ली, 03 मार्च दिल्ली हाई कोर्ट ने संसद सुरक्षा चूक की आरोपित नीलम आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को करने का आदेश दिया। नीलम आजाद ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को इस मामले के एक और आरोपित मनोरंजन डी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 नवंबर 2024 को सह-आरोपित महेश कुमावत की जमानत याचिका खारिज कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपित संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे। चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपित दो साल से योजना बना रहे थे। करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपित एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे। आरोपितों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी। उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी। दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था।
दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई 2024 को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने 7 जून 2024 को पहली चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है।
बता दें कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपित चैंबर में कूदे। कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 को इस मामले के एक और आरोपित मनोरंजन डी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 नवंबर 2024 को सह-आरोपित महेश कुमावत की जमानत याचिका खारिज कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपित संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे। चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपित दो साल से योजना बना रहे थे। करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपित एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे। आरोपितों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी। उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी। दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था।
दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई 2024 को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने 7 जून 2024 को पहली चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है।
बता दें कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपित चैंबर में कूदे। कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।