पाकिस्तान का नाम पापिस्तान होना चाहिएः शिया पर्सनल लॉ बोर्ड
Nov 23, 2024, 20:42 IST
लखनऊ, 23 नवम्बर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों ने पाकिस्तान के ख़ुर्रम में 21 नवम्बर को आतंकवादी हमले में सौ शिया मुसलमानों की निर्मम हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैय्यद सायम मेहंदी नकवी और महामंत्री मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि इस मुल्क का नाम पाकिस्तान नहीं बल्कि पापिस्तान होना चाहिए।
अध्यक्ष एवं महामंत्री ने अपने शब्दों में कहा कि पाकिस्तान में चेहल्लुम-ए-इमाम हुसैन के मौके पर भी शिया मुसलमान का नरसंहार किया गया था। उस वक्त पूरी दुनिया का मुसलमान खामोश था। जब फिलिस्तीन में मुसलमानों पर इजराइल के अत्याचार हुए तो उस घटना की पूरी दुनिया ने निंदा की थी, लेकिन जब पाकिस्तान या दुनिया के किसी हिस्से में शिया मुसलमानों का कत्लेआम होता है, तो मुस्लिम समुदाय भी पूरी तरह से चुप्पी साधता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मारे गए शिया मुसलमान शाहिद (शहीद) हैं। पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद पर लगाम लगाने में विफल हो चुकी है। सऊदी अरब के पेट्रो डॉलर से पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। मस्जिदों और इमामबाड़ों में इबादत कर रहे लोगों पर हमले यह बताते हैं कि ये आतंकवादी इस्लाम के भेष में पाखंडी हैं।
मौलाना यासूब अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से पाकिस्तान के शिया मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिया मुसलमान पिछले 14 सौ वर्षों से आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं और अब इस नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप आवश्यक है।
वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना जफ़र अब्बास ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसी दर्दनाक वारदात को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन या तंज़ीमे जानवरों से भी बदतर हैं। उनके लिए मेरे पास कोई लफ्ज़ नहीं है कि उनकी तुलना किससे की जाए। जिनकी नज़रों में इंसानियत की कोई अहमियत नहीं, ऐसे लोग पूरी दुनिया के लिए ख़तरा हैं।
शिया हुसैनी फंड के सचिव हसन मेहंदी ने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ़ आवाज उठा रहे हैं। इसके लिए यूएनओ और भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते रहे हैं, पाकिस्तान में शिया समुदाय पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ़ यूएनओ एवं भारत को सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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अध्यक्ष एवं महामंत्री ने अपने शब्दों में कहा कि पाकिस्तान में चेहल्लुम-ए-इमाम हुसैन के मौके पर भी शिया मुसलमान का नरसंहार किया गया था। उस वक्त पूरी दुनिया का मुसलमान खामोश था। जब फिलिस्तीन में मुसलमानों पर इजराइल के अत्याचार हुए तो उस घटना की पूरी दुनिया ने निंदा की थी, लेकिन जब पाकिस्तान या दुनिया के किसी हिस्से में शिया मुसलमानों का कत्लेआम होता है, तो मुस्लिम समुदाय भी पूरी तरह से चुप्पी साधता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मारे गए शिया मुसलमान शाहिद (शहीद) हैं। पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद पर लगाम लगाने में विफल हो चुकी है। सऊदी अरब के पेट्रो डॉलर से पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है। मस्जिदों और इमामबाड़ों में इबादत कर रहे लोगों पर हमले यह बताते हैं कि ये आतंकवादी इस्लाम के भेष में पाखंडी हैं।
मौलाना यासूब अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से पाकिस्तान के शिया मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिया मुसलमान पिछले 14 सौ वर्षों से आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं और अब इस नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप आवश्यक है।
वहीं शिया धर्मगुरु मौलाना जफ़र अब्बास ने कहा कि पाकिस्तान में ऐसी दर्दनाक वारदात को अंजाम देने वाले आतंकवादी संगठन या तंज़ीमे जानवरों से भी बदतर हैं। उनके लिए मेरे पास कोई लफ्ज़ नहीं है कि उनकी तुलना किससे की जाए। जिनकी नज़रों में इंसानियत की कोई अहमियत नहीं, ऐसे लोग पूरी दुनिया के लिए ख़तरा हैं।
शिया हुसैनी फंड के सचिव हसन मेहंदी ने कहा कि हम पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ़ आवाज उठा रहे हैं। इसके लिए यूएनओ और भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखते रहे हैं, पाकिस्तान में शिया समुदाय पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ़ यूएनओ एवं भारत को सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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