उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल से तलाक के मामले पर सुनवाई 4 नवंबर को
Sep 9, 2024, 13:31 IST
नई दिल्ली, 9 सितंबर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक मामले की सुनवाई टाल दी है। जस्टिस सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को करने का आदेश दिया।
आज सुनवाई के दौरान पायल अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि पहले दौर की मध्यस्थता हो चुकी है। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि 30 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले को मध्यस्थता केंद्र में भेजने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हालांकि कई बार शादियों में रिश्ते बेहतर होने की कोई गुंजाइश नहीं बचती फिर भी एक बार कोशिश की जा सकती है। आप दोनों पक्ष मध्यस्थता के जरिये मामले को सुलझाने की कोशिश करें।
कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 जुलाई को पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि दोनों की शादी मर चुकी है। वे पिछले 15 सालों से अलग रह रहे हैं।
12 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उमर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उमर अब्दुल्ला ने पायल अब्दुल्ला पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इसके पहले ट्रायल कोर्ट भी उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी 30 अगस्त 2016 को खारिज कर दी थी।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पायल और उनके दो बेटों ने जिस गुजारा भत्ता की मांग की है, वो स्वीकार करने योग्य नहीं है। उमर की इस दलील का पायल अब्दुल्ला के वकील ने पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि 2016 से पायल अकेले रह रही है और उसे कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि उसे अपने बेटों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं। उमर ने कहा था कि पायल अपना गुजारा कर सकती हैं क्योंकि उनका अपना व्यवसाय है और दिल्ली में उनका एक घर भी है। बेटे भी अब बड़े हो गए हैं जो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते हैं।
आज सुनवाई के दौरान पायल अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि पहले दौर की मध्यस्थता हो चुकी है। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि 30 अगस्त को कोर्ट ने इस मामले को मध्यस्थता केंद्र में भेजने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हालांकि कई बार शादियों में रिश्ते बेहतर होने की कोई गुंजाइश नहीं बचती फिर भी एक बार कोशिश की जा सकती है। आप दोनों पक्ष मध्यस्थता के जरिये मामले को सुलझाने की कोशिश करें।
कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 जुलाई को पायल अब्दुल्ला को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि दोनों की शादी मर चुकी है। वे पिछले 15 सालों से अलग रह रहे हैं।
12 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाई कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ उमर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उमर अब्दुल्ला ने पायल अब्दुल्ला पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इसके पहले ट्रायल कोर्ट भी उमर अब्दुल्ला की तलाक की अर्जी 30 अगस्त 2016 को खारिज कर दी थी।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि पायल और उनके दो बेटों ने जिस गुजारा भत्ता की मांग की है, वो स्वीकार करने योग्य नहीं है। उमर की इस दलील का पायल अब्दुल्ला के वकील ने पुरजोर विरोध किया था और कहा था कि 2016 से पायल अकेले रह रही है और उसे कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है। यहां तक कि उसे अपने बेटों की फीस तक भरने के पैसे नहीं हैं। उमर ने कहा था कि पायल अपना गुजारा कर सकती हैं क्योंकि उनका अपना व्यवसाय है और दिल्ली में उनका एक घर भी है। बेटे भी अब बड़े हो गए हैं जो गुजारा भत्ता नहीं मांग सकते हैं।