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दिल्ली हाई कोर्ट परिसर का विस्तार करने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस

 आठ हफ्तों में जवाब दाखिल करने का निर्देश, अगली सुनवाई 31 जुलाई को
 
  दिल्ली हाई कोर्ट परिसर का विस्तार करने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस
नई दिल्ली, 01 मई  दिल्ली हाई कोर्ट में कोर्ट रूम, वकीलों के चैंबर और पार्किंग का विस्तार करने की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने आठ हफ्तों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी।
यह याचिका दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने दायर की है। हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल, केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय और केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट आने दीजिए। सबसे पहले जमीन मिलनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि समस्या यह है कि हाई कोर्ट के पास कोई भूमि नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि कुछ सालों में दिल्ली हाई कोर्ट पर काम का दबाव काफी बढ़ गया है और वकीलों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। फिलहाल दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य के रूप में 35 हजार वकीलों का पंजीकरण हो चुका है। हाई कोर्ट के पास भूमि की काफी कमी है। नए कोर्ट रूम, वकीलों के चैंबर, आधुनिक लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्किंग, बार रूम और पक्षकारों के लिए सुविधाओं की काफी कमी है। दिल्ली हाई कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के विस्तार के लिए जुलाई, 2023 में सक्षम प्राधिकार के पास प्रतिवेदन दिया गया था लेकिन कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला।
याचिका में मांग की गई है कि हाई कोर्ट के ठीक बगल में स्थित बापा नगर के सरकारी क्वार्टर में रहनेवाले रहवासियों को दूसरी ऐसी ही आवासीय योजना में शिफ्ट करा कर उस जगह को केंद्र सरकार कब्जे में ले ताकि हाई कोर्ट का विस्तार किया जा सके। बापा नगर में करीब 140-145 आवासीय फ्लैट हैं। अगर बापा नगर के सरकारी क्वार्टर में रहने वाले लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट कर इसे हाई कोर्ट के विस्तार के लिए दे दिया जाए तो जगह की कमी काफी हद तक पूरी की जा सकेगी।