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दिमागी ऑपरेशन में सिर खोलने की जरूरत नहीं : प्रो.वाईआर यादव

एएमए सभागार में अन्तरराष्ट्रीय चिकित्सकों के व्याख्यान 
 
दिमागी ऑपरेशन में सिर खोलने की जरूरत नहीं : प्रो.वाईआर यादव 
प्रयागराज, 07 मई। न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.वाई.आर यादव मस्तिष्क रोगों में इण्डोस्कोपी विधि द्वारा उपचार विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि वर्तमान में जिन दिमागी ऑपरेशन जैसे हाइड्रोकेफैलस के लिये मरीज के सिर को खोलना पड़ता था, उसका अब इण्डोस्कोपी विधि द्वारा सूक्ष्म छिद्र से सफल इलाज किया जाता है। इसी प्रकार से ब्रेन की इण्डोवासकुलर सर्जरी द्वारा कम समय में सकारात्मक उपचार किया जा सकता है।

रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन सभागार में न्यूरोलॉजी-हीमैटोलॉजी अपडेट विषय पर 'आईएमएसीजीपी 2023' सेमीनार में बतौर मुख्य अतिथि न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष प्रो. वाई.आर यादव ने उद्घाटन करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। विशिष्ट अतिथि प्रो. एसपी सिंह, प्राचार्य एमएलएन मेडिकल कॉलेज ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध वक्ताओं मेडिसिन के क्षेत्र में उत्कृष्ट व आधुनिक शोध से सभी सदस्यों को अवगत कराना ही इस सेमीनार का मुख्य उद्देश्य है।

प्रो.अचल श्रीवास्तव मस्तिष्क रोगों से उत्पन्न होने वाले कंपन के उपचार के विषय में बताया कि इसे ऐसेन्शियल ट्रेमर कहते हैं। यह एक ब्रेन डिसआर्डर है व पार्किन्सनिज्म जिसकी वजह से शरीर के किसी भी भाग में कंपन हो सकता है। इस मर्ज से ग्रसित रोगियों का उपचार नई औषधियों द्वारा, सामान्य मरीजों को शीघ्र लाभ प्रदान करती है तथा गम्भीर अवस्था में रोग को बढ़ने से रोकता है। प्रोफेसर डॉ. पवन कुमार वर्मा, सड़क दुर्घटना के कारण मस्तिष्क की चोट की वर्तमान में लागू उपचार सम्बन्धित गाईडलाइन्स के बारे में चिकित्सकों को अवगत कराते हुए चोट की श्रेणी का वर्णन किया।

डॉ निमिषा वर्मा ने शरीर के जटिल और असाध्य दर्द के कारणों और उपचार पर अपने व्याख्यान में कैंसर व उसके थेरेपी के पश्चात उत्पन्न होने वाले दर्द, पीठ दर्द, जोड़ो के दर्द, शल्य चिकित्सा के पश्चात होने वाले दर्द असहनीय होते हैं। किन्तु, वर्तमान समय में नई औषधियों तथा कुछ चिकित्सकीय प्रक्रिया द्वारा पेन मैनेजमेन्ट के विशेषज्ञ पीड़ा पर काबू पाने में काफी हद तक सहायक है। डॉ जितिन बजाज ने मिर्गी के इलाज पर व्याख्यान दिया।

प्रो. डॉ राकेश कुमार सिंह ने जन्मजात रीढ़ की हड्डी के विकार जैसे कूबड़ आदि के सुधार पर कहा कि बाल्यावस्था में ही यदि इसकी पहचान हो जाये तो व्यायाम द्वारा या ब्रेसेस की सहायता से इसका उपचार सुलभ हो सकता है। यदि इसकी पहचान विलम्ब से भी होती है तो दूरबीन विधि द्वारा सफल इलाज संभव है। प्रो. डॉ दीपक कुमार सिंह ने ब्रेन स्ट्रोक के अत्याधुनिक उपचार के विषय में चिकित्सकों को अवगत कराया।

डॉ अनूप कुमार सिंह ने सिर दर्द के विभिन्न कारणों व उनके निवारणों पर चिकित्सकों से चर्चा की। बताया कि वर्तमान परिवेश में अधिक मोबाईल व कम्प्यूटर के उपयोग से ऑखों व दिमाग को पर्याप्त विश्राम न मिलने से समस्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने पर्याप्त निद्रा, संतुलित भोजन व नियमित व्यायाम को जीवन शैली में लागू करने पर बल दिया।

सेमीनार की अध्यक्षता एएमए अध्यक्ष डॉ. सुबोध जैन ने किया। संचालन डॉ. तरू पाण्डेय, डॉ. विनीता मिश्रा, डॉ. वर्षा, डॉ. सुबिया, डॉ. अंशुल सिंह, डॉ. विकास श्रीवास्तव, डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने किया। अन्त में आयोजक सचिव डॉ. वर्षा कुमार व डॉ. पंकज गुप्ता ने सभी आंगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया। सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता ने भविष्य में भी ज्ञानवर्धक संगोष्ठियां कराने का आश्वासन दिया।