एनएचआरसी ने दिल्ली में 56 दिन में 474 बेघर लोगों की मौत पर मुख्य सचिव व सीपी काे भेजा नाेटिस
- एनएचआरसी ने मुख्य सचिव व दिल्ली के पुलिस आयुक्त से एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट- एक एनजीओ के हवाले से छपी मीडिया रिपाेर्ट का एनएचआरसी ने लिया स्वत: संज्ञान
Jan 30, 2025, 19:53 IST

नई दिल्ली, 30 जनवरी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने दिल्ली में इस सर्दी के मौसम में 56 दिन के भीतर लगभग 474 लोगों की जान जाने संबंधी एनजीओ सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (सीएचडी) के हवाले से आई एक मीडिया रिपाेर्ट का स्वत: संज्ञान
लिया है। एनएचआरसी ने इस मामले में मुख्य सचिव और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपाेर्ट पेश करने काे
कहा है।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये मौतें 15 दिसंबर, 2024 से 10 जनवरी, 2025 के बीच हुई हैं। इसकी वजह गर्म कपड़े, कंबल और पर्याप्त आश्रय जैसे आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों की अनुपलब्धता बताई गई है। एनजीओ के कथित दावे के अनुसार दिल्ली में लगभग 80 प्रतिशत अज्ञात शव बेघर व्यक्तियों के हैं। आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री यदि सत्य है, तो यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। इसलिए आयोग ने मुख्य सचिव और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, 16 जनवरी, 2025 को प्रसारित इस मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में कई आश्रय उपरोक्त जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं और जो उपलब्ध हैं, उनमें अक्सर हीटिंग और गर्म पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं का अभाव होता है, जिससे व्यक्ति कड़ाके की ठंड में रहने को मजबूर हो जाते हैं। सड़कों पर रहने वाले लोगों के कुछ विशिष्ट उदाहरणों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वे श्वसन संक्रमण, त्वचा संबंधी बीमारियों और बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य सहित कई स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
लिया है। एनएचआरसी ने इस मामले में मुख्य सचिव और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में रिपाेर्ट पेश करने काे
कहा है।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये मौतें 15 दिसंबर, 2024 से 10 जनवरी, 2025 के बीच हुई हैं। इसकी वजह गर्म कपड़े, कंबल और पर्याप्त आश्रय जैसे आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों की अनुपलब्धता बताई गई है। एनजीओ के कथित दावे के अनुसार दिल्ली में लगभग 80 प्रतिशत अज्ञात शव बेघर व्यक्तियों के हैं। आयोग ने पाया है कि समाचार रिपोर्ट की सामग्री यदि सत्य है, तो यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है। इसलिए आयोग ने मुख्य सचिव और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
दरअसल, 16 जनवरी, 2025 को प्रसारित इस मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में कई आश्रय उपरोक्त जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं और जो उपलब्ध हैं, उनमें अक्सर हीटिंग और गर्म पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं का अभाव होता है, जिससे व्यक्ति कड़ाके की ठंड में रहने को मजबूर हो जाते हैं। सड़कों पर रहने वाले लोगों के कुछ विशिष्ट उदाहरणों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वे श्वसन संक्रमण, त्वचा संबंधी बीमारियों और बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य सहित कई स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।