निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाएगा नया कानून : मुख्यमंत्री
May 3, 2025, 19:30 IST

-नई दिल्ली, 3 मई । मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर नया कानून लगाम लगाएगा। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी पर नकेल कसने के लिए दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस 2025 के रूप में दिल्ली सरकार ऐतिहासिक विधेयक लेकर आई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाकर इस विधेयक को पास करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद का आभार व्यक्त करने के लिए शनिवार को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के विभिन्न निजी स्कूलों में पढ़े रहे छात्रों के सैकड़ों अभिभावक पहुंचे। अभिभावकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 27 वर्षों से दिल्ली के अभिभावकों के साथ निजी स्कूल मनमानी फीस बढ़ाकर अन्याय कर रहे थे। निजी स्कूल मनमाने ढंग से फीस बढ़ाते रहे और पिछली सरकारों के पास ऐसा कोई स्पष्ट कानून या दिशा-निर्देश ही नहीं था, जिससे मनमानी फीस पर लगाम लगाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सत्ता में आने के दो महीन के भीतर ही शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में एक मजबूत और न्यायसंगत अधिनियम का मसौदा तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस विधेयक के माध्यम से दिल्ली के सभी 1677 निजी स्कूलों की फीस को अब पारदर्शी तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। अब निजी स्कूलों में फीस तय करने की प्रक्रिया में अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन और अन्य हितधारकों की सहभागिता अनिवार्य होगी।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हमारी सरकार जो नए 65 सीएमश्री स्कूल बनाने जा रही है। उससे दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूल इतने बेहतर और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था देने में सक्षम हो जाएंगे कि लोग निजी स्कूलों को छोड़कर दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाने को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि यह विधेयक दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देगा।
संवाद कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि हमारी सरकार ने मात्र दो महीनों के छोटे से कार्यकाल में मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई और यह विधेयक लेकर आई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा को सिर्फ एक राजनीतिक मंच और बच्चों और अभिभावकों को लूट का जरिया बना रखा था। उन्होंने कभी फीस नियंत्रण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की।
संवाद कार्यक्रम में पहुंचे द्वारका डीपीएस के अभिभावकों ने कहा कि हमने लगभग 20 से 25 बार पिछली सरकर से शिकायत कर ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन उस पर कभी कोई कार्रवाई ही नहीं हुई।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद का आभार व्यक्त करने के लिए शनिवार को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली के विभिन्न निजी स्कूलों में पढ़े रहे छात्रों के सैकड़ों अभिभावक पहुंचे। अभिभावकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 27 वर्षों से दिल्ली के अभिभावकों के साथ निजी स्कूल मनमानी फीस बढ़ाकर अन्याय कर रहे थे। निजी स्कूल मनमाने ढंग से फीस बढ़ाते रहे और पिछली सरकारों के पास ऐसा कोई स्पष्ट कानून या दिशा-निर्देश ही नहीं था, जिससे मनमानी फीस पर लगाम लगाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सत्ता में आने के दो महीन के भीतर ही शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में एक मजबूत और न्यायसंगत अधिनियम का मसौदा तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस विधेयक के माध्यम से दिल्ली के सभी 1677 निजी स्कूलों की फीस को अब पारदर्शी तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है। अब निजी स्कूलों में फीस तय करने की प्रक्रिया में अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन और अन्य हितधारकों की सहभागिता अनिवार्य होगी।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हमारी सरकार जो नए 65 सीएमश्री स्कूल बनाने जा रही है। उससे दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूल इतने बेहतर और आधुनिक शिक्षा व्यवस्था देने में सक्षम हो जाएंगे कि लोग निजी स्कूलों को छोड़कर दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को दाखिला दिलाने को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा कि यह विधेयक दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा देगा।
संवाद कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि हमारी सरकार ने मात्र दो महीनों के छोटे से कार्यकाल में मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई और यह विधेयक लेकर आई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों, विशेष रूप से आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा को सिर्फ एक राजनीतिक मंच और बच्चों और अभिभावकों को लूट का जरिया बना रखा था। उन्होंने कभी फीस नियंत्रण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की।
संवाद कार्यक्रम में पहुंचे द्वारका डीपीएस के अभिभावकों ने कहा कि हमने लगभग 20 से 25 बार पिछली सरकर से शिकायत कर ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन उस पर कभी कोई कार्रवाई ही नहीं हुई।