नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सुनिश्चित किया है किसानों का कल्याण : गिरिराज सिंह
Oct 19, 2023, 12:56 IST
बेगूसराय, 19 अक्टूबर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों के आय में वृद्धि, उनके सम्मान और कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। खाद की पर्याप्त उपलब्धता, जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन, किसान सम्मान और कृषि फीडर सहित कई अभियान चलाए जा रहे हैं।
अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के प्रवास पर आए गिरिराज सिंह ने गुरुवार को बताया कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो दूरदर्शी सोच के साथ अपने विजन से देश का समग्र विकास शुरू किया। किसानों के कल्याण और उत्थान के लिए अपने समग्र दृष्टिकोण से हर प्रयास किया। फसल में लागत की तुलना में अधिक आय के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में निरंतर वृद्धि की जा रही है। यह किसानों के आर्थिक प्रगति का द्वार खोल रहा है।
उन्होंने कहा कि कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को स्वीकृति दी। जिससे उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। मंसूर में 425 रुपये प्रति क्विंटल, रेपसीड एवं सरसों में दो सौ रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं में 150 रुपये एवं चना में 115 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
गिरिराज सिंह ने बताया कि यूपीए की सरकार में 2014 में गेहूं का एमएसपी 14 सौ रुपए क्विंटल था, आज 2275 रुपये हो गया है। जौ का 11 सौ रुपये से बढ़कर 1850 रुपये हो गया एवं चना का 31 सौ रुपये से बढ़कर 5440 रुपये हो गया है। दाल में मसूर का 2950 रुपये से बढ़कर 6425 रुपये हो गया। सरसों एवं रेपसीड का 3050 रुपये से बढ़कर 5650 रुपये हो गया है। इसी प्रकार कुसुम का तीन हजार रुपये से बढ़कर 58 सौ रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने एवं आयात कम करने के लिए तिलहन, दलहन तथा श्रीअन्न की उपज बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण को सरकार बढ़ावा दे रही है। मूल्य नीति के अलावा वित्तीय सहायता प्रदान करने तथा तिलहन और दलहन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन जैसी पहल की गई है।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि पिछले नौ वर्षों में सरकार ने किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए हर प्रकार का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 11 करोड़ 39 लाख से अधिक किसानों को प्रत्येक में वर्ष छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत करीब 37 करोड़ 60 लाख किसानों का पंजीकरण किया गया। 11 करोड़ 68 लाख से अधिक किसानों को 1.3 लाख करोड रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
कृषि उत्पादन के लिए एक देश एक बाजार बनाया गया। 1260 मंडियां एकीकृत की गई, एक करोड़ 74 लाख किसान पंजीकृत हुए, 2.48 लाख करोड रुपए का व्यापार हो गया। मृदा में पोषक तत्वों के उपयोग में वृद्धि के लिए शुरू की गई योजना से 23 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को जारी किए गए। विशेष अभियान के तहत सभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लाभार्थियों को केसीसी के माध्यम से कवर किया जाएगा।
4.7 लाख करोड रुपए की स्वीकृत ऋण सुविधा के साथ चार करोड़ 20 लाख से अधिक नए केसीसी आवेदन स्वीकृत किए गए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के माध्यम से खेत के स्तर पर जल उपयोग में दक्षता बढ़ाया जा रहा है। इसमें अब तक 57 लाख 50 हजार किसान लाभान्वित हुए। नाबार्ड के तहत पांच हजार करोड़ रुपये का सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 93 हजार 68 करोड़ रूपये आवंटित किए गए।
उन्होंने कहा कि फसल की कटाई के बाद के प्रबंधन के बुनियादी ढांचे और सामुदायिक कृषि संपत्तियों के निर्माण एवं आधुनिकीकरण के लिए एक लाख करोड़ रुपए की वित्त पोषण सुविधा कृषि अवसंरचना कोष में किया गया। योजना के कार्यान्वयन के तीन साल से भी कम समय में 27 हजार 440 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। कृषि इंफ्रा परियोजनाओं ने चार लाख 35 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।
अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के प्रवास पर आए गिरिराज सिंह ने गुरुवार को बताया कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो दूरदर्शी सोच के साथ अपने विजन से देश का समग्र विकास शुरू किया। किसानों के कल्याण और उत्थान के लिए अपने समग्र दृष्टिकोण से हर प्रयास किया। फसल में लागत की तुलना में अधिक आय के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में निरंतर वृद्धि की जा रही है। यह किसानों के आर्थिक प्रगति का द्वार खोल रहा है।
उन्होंने कहा कि कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को स्वीकृति दी। जिससे उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। मंसूर में 425 रुपये प्रति क्विंटल, रेपसीड एवं सरसों में दो सौ रुपये प्रति क्विंटल, गेहूं में 150 रुपये एवं चना में 115 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
गिरिराज सिंह ने बताया कि यूपीए की सरकार में 2014 में गेहूं का एमएसपी 14 सौ रुपए क्विंटल था, आज 2275 रुपये हो गया है। जौ का 11 सौ रुपये से बढ़कर 1850 रुपये हो गया एवं चना का 31 सौ रुपये से बढ़कर 5440 रुपये हो गया है। दाल में मसूर का 2950 रुपये से बढ़कर 6425 रुपये हो गया। सरसों एवं रेपसीड का 3050 रुपये से बढ़कर 5650 रुपये हो गया है। इसी प्रकार कुसुम का तीन हजार रुपये से बढ़कर 58 सौ रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने एवं आयात कम करने के लिए तिलहन, दलहन तथा श्रीअन्न की उपज बढ़ाने के लिए फसल विविधीकरण को सरकार बढ़ावा दे रही है। मूल्य नीति के अलावा वित्तीय सहायता प्रदान करने तथा तिलहन और दलहन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन जैसी पहल की गई है।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि पिछले नौ वर्षों में सरकार ने किसानों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए हर प्रकार का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 11 करोड़ 39 लाख से अधिक किसानों को प्रत्येक में वर्ष छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत करीब 37 करोड़ 60 लाख किसानों का पंजीकरण किया गया। 11 करोड़ 68 लाख से अधिक किसानों को 1.3 लाख करोड रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
कृषि उत्पादन के लिए एक देश एक बाजार बनाया गया। 1260 मंडियां एकीकृत की गई, एक करोड़ 74 लाख किसान पंजीकृत हुए, 2.48 लाख करोड रुपए का व्यापार हो गया। मृदा में पोषक तत्वों के उपयोग में वृद्धि के लिए शुरू की गई योजना से 23 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को जारी किए गए। विशेष अभियान के तहत सभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लाभार्थियों को केसीसी के माध्यम से कवर किया जाएगा।
4.7 लाख करोड रुपए की स्वीकृत ऋण सुविधा के साथ चार करोड़ 20 लाख से अधिक नए केसीसी आवेदन स्वीकृत किए गए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली के माध्यम से खेत के स्तर पर जल उपयोग में दक्षता बढ़ाया जा रहा है। इसमें अब तक 57 लाख 50 हजार किसान लाभान्वित हुए। नाबार्ड के तहत पांच हजार करोड़ रुपये का सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 93 हजार 68 करोड़ रूपये आवंटित किए गए।
उन्होंने कहा कि फसल की कटाई के बाद के प्रबंधन के बुनियादी ढांचे और सामुदायिक कृषि संपत्तियों के निर्माण एवं आधुनिकीकरण के लिए एक लाख करोड़ रुपए की वित्त पोषण सुविधा कृषि अवसंरचना कोष में किया गया। योजना के कार्यान्वयन के तीन साल से भी कम समय में 27 हजार 440 से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। कृषि इंफ्रा परियोजनाओं ने चार लाख 35 हजार से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।