मप्र विस चुनाव : राज्य की वह विधानसभा है छिंदवाड़ा जहां बदलता रहता है जनमत
30 नवंबर 2023 मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जनमत बदलता रहता है। वर्ष 2013 में जहा भाजपा के पास चार और कांग्रेस के पास तीन विधानसभा सीटें हुआ करती थीं तो वर्ष 2018 में सातों सीटे कांग्रेस के कब्जे में चली गई थीं । इसके पहले भी इसी प्रकार के चरित्र को यह जिला दोहराता रहा है । इसी तारतम्य में एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी विधानसभा चुनाव में निर्दलियों और असंतुष्टों से जनमत में फिर बदलाव हो सकता है।दरअसल, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की सात विधानसभा सीटों में से वर्ष 2013 में जिले की छिंदवाड़ा सौसर चौरई और जुन्नारदेव में भाजपा के विधायक थे तो वहीं पांढुर्णा परासिया और अमरवाड़ा में कांग्रेस विधायक चुनकर आए थे।इसी तरह वर्ष 2018 में सत्ता के बदलाव की आंधी में भाजपा के कब्जे वाली चार विधानसभा सीटों में वोट प्रतिशत खिसकने से कांग्रेस के विधायक आ गए थे। कांग्रेस की तीन सीट यथावत बनी रहीं। नतीजतन सातों सीट कांग्रेस के कब्जे में आ गई थीं ।अब देखना है कि वर्ष 2023 के इस विधानसभा चुनाव में वोट परसेंट कितना रहता है और नतीजा क्या निकलता है।जबकि इस बार निर्दलीयों के खड़े होने की संभावना ज्यादा जताई जा रही है। 17 नवंबर 2023 को होने वाले इस विधानसभा चुनाव में 5 से 10 फ़ीसदी वोट कम-ज्यादा होने पर किसी भी पक्ष की जीत-हार की संभावना है।स्मार्टफोन की पीढ़ी की रहेगी भूमिकाछिंदवाड़ा जिले में इस चुनाव में 16 लाख 19 हजार मतदाता है। इसमें नव मतदाता यानी 18 से 19 वर्ष के नए मतदाताओं की संख्या 70 हजार 350 है।यह कुल मतदाता के 4.35 प्रतिशत हैं।विधानसभा चुनाव में इतनी वोट संख्या किसी भी उम्मीदवार की हार-जीत तय कर देती है। चुनाव में सत्ता समीकरण तय करने और बिगाड़ने में इन स्मार्ट फोन रखने वाले इन नव मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।