लोकसभा में हंगामें के बीच वीबी - जी राम जी विधेयक पारित
Updated: Dec 18, 2025, 14:22 IST

नई दिल्ली, 18 दिसंबर लोकसभा ने गुरुवार को हंगामें के बीच ‘विकसित भारत - रोज़गार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) के लिए गारंटी’ या वीबी - जी राम जी विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से पारित किया। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार और उत्पाद की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विधेयक को पारित करने के बाद लोकसभा की कार्यवाही को दिनभर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
यह विधेयक मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लेने के लिए लाया गया है। यह एक नया प्रस्तावित ग्रामीण रोजगार कानून गांवों में प्रति परिवार साल में 125 दिन का रोज़गार प्रदान करेगा। इसमें विकासोन्मुख कार्यों पर ज़ोर दिया गया है और केंद्र और राज्य दोनों की भागीदारी तय की गई है। खर्च में केन्द्र का 60 प्रतिशत और राज्यों का 40 प्रतिशत योगदान रहेगा। वहीं पहाड़ी राज्यों में यह अनुपात 90-10 का होगा।
लोकसभा में कल रात करीब 1.30 बजे तक विधेयक पर चर्चा की गई और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पर हुई इस चर्चा का आज उत्तर दिया। हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्य सदन के बीचों-बीच आकर नारेबाजी करते रहे।
चर्चा का उत्तर देते हुए केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मनरेगा की खामियां बतायीं और कहा कि राज्यों ने श्रम पर अधिक और सामग्री की खरीद पर कम खर्च किया है। उन्होंने कहा कि नई योजना के तहत विशाल धनराशि का प्रवाधान किया गया है। इस विशाल धनराशि के आवंटन के माध्यम से हम न केवल बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करेंदे और अधिक नौकरियां सृजित करेंगे बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इन संसाधनों का प्रभावी उपयोग विकसित भारत मॉडल गांवों के विकास के लिए किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से परिकल्पित विकसित भारत मॉडल में गांव आत्मनिर्भर, रोजगार से समृद्ध, गरीबी मुक्त और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। ये गांव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास केंद्र, डिजिटल कक्षाएं, पुस्तकालय, प्रशिक्षण केंद्र, कंप्यूटर प्रयोगशालाएं और अन्य प्रयोगशालाएं प्रदान करेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा में पीछे न रह जाए।
नाम को लेकर हो रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिए कई वर्षों पहले से योजनाएं बन रही हैं। नरेगा से पहले भी लगातार सरकारों ने रोजगार गारंटी योजनाएं शुरू की हैं। वर्ष 2009 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी का नाम नरेगा में जोड़ा गया था। उन्होंने प्रियंका गांधी के आरोपों के जवाब में उन योजनाओं को गिनाया जिसमें नेहरू और गांधी का नाम था। चौहान ने कांग्रेस पर गांधी जी के आदर्शों का अनादर करने का आरोप लगाया। चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने भारत विभाजन को स्वीकार किया। कांग्रेस ने पार्टी भंग करने के गांधीजी के आह्वान को अस्वीकार कर दिया था
यह विधेयक मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), 2005 की जगह लेने के लिए लाया गया है। यह एक नया प्रस्तावित ग्रामीण रोजगार कानून गांवों में प्रति परिवार साल में 125 दिन का रोज़गार प्रदान करेगा। इसमें विकासोन्मुख कार्यों पर ज़ोर दिया गया है और केंद्र और राज्य दोनों की भागीदारी तय की गई है। खर्च में केन्द्र का 60 प्रतिशत और राज्यों का 40 प्रतिशत योगदान रहेगा। वहीं पहाड़ी राज्यों में यह अनुपात 90-10 का होगा।
लोकसभा में कल रात करीब 1.30 बजे तक विधेयक पर चर्चा की गई और केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक पर हुई इस चर्चा का आज उत्तर दिया। हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्य सदन के बीचों-बीच आकर नारेबाजी करते रहे।
चर्चा का उत्तर देते हुए केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मनरेगा की खामियां बतायीं और कहा कि राज्यों ने श्रम पर अधिक और सामग्री की खरीद पर कम खर्च किया है। उन्होंने कहा कि नई योजना के तहत विशाल धनराशि का प्रवाधान किया गया है। इस विशाल धनराशि के आवंटन के माध्यम से हम न केवल बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करेंदे और अधिक नौकरियां सृजित करेंगे बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इन संसाधनों का प्रभावी उपयोग विकसित भारत मॉडल गांवों के विकास के लिए किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से परिकल्पित विकसित भारत मॉडल में गांव आत्मनिर्भर, रोजगार से समृद्ध, गरीबी मुक्त और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होंगे। ये गांव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास केंद्र, डिजिटल कक्षाएं, पुस्तकालय, प्रशिक्षण केंद्र, कंप्यूटर प्रयोगशालाएं और अन्य प्रयोगशालाएं प्रदान करेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी बच्चा शिक्षा में पीछे न रह जाए।
नाम को लेकर हो रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिए कई वर्षों पहले से योजनाएं बन रही हैं। नरेगा से पहले भी लगातार सरकारों ने रोजगार गारंटी योजनाएं शुरू की हैं। वर्ष 2009 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी का नाम नरेगा में जोड़ा गया था। उन्होंने प्रियंका गांधी के आरोपों के जवाब में उन योजनाओं को गिनाया जिसमें नेहरू और गांधी का नाम था। चौहान ने कांग्रेस पर गांधी जी के आदर्शों का अनादर करने का आरोप लगाया। चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने भारत विभाजन को स्वीकार किया। कांग्रेस ने पार्टी भंग करने के गांधीजी के आह्वान को अस्वीकार कर दिया था

