काठमांडू महानगरपालिका ने प्रधानमंत्री ओली की पार्टी पर लगाया एक लाख रुपये का जुर्माना
Nov 23, 2024, 14:16 IST
काठमांडू, 23 नवंबर काठमांडू की महानगरपालिका ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ओली की पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम वाले स्थल पर गंदगी फैलाने के मामले में लगाया गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भी शरीक हुए थे। इस कार्यक्रम के तुरंत बाद ही मेयर बालेन शाह की तरफ से ओली की पार्टी नेकपा एमाले पर जुर्माना लगाए जाने के लिए लिखित पत्र भेज दिया गया। इसे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मेयर बालेन शाह के बीच कुछ समय से जारी शीतयुद्ध के रूप में भी देखा जा रहा है।
दरअसल, शनिवार को काठमांडू के दरबरमार्ग में सत्तारूढ़ दल एमाले की तरफ से एक शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया था। इस सम्मेलन की वजह से सार्वजनिक स्थल पर काफी गंदगी फैलने के कारण महानगरपालिका की तरफ से जुर्माना लगाया गया है। काठमांडू महानगरपालिका की तरफ से एमाले पार्टी के अध्यक्ष यानि केपी शर्मा ओली के नाम जारी पत्र में सार्वजनिक स्थान पर गंदगी फैलाने के कारण महानगर के स्वच्छता नियम के मुताबिक एक लाख रुपये का जुर्माना अदा करने को कहा गया है।
शनिवार को ही प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी द्वारा आयोजित शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित किया था। काठमांडू में राजदरबार के मुख्य द्वार के आगे मंच बनाकर उसके सामने वाली सड़क पर करीब दस हजार कार्यकर्ताओं को उतारा गया था। सत्तारूढ़ दल द्वारा किए गए इस शक्ति प्रदर्शन के कारण पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई थी, जिसके कारण आम जनता ने इस कार्यक्रम की काफी आलोचना की थी।
दरअसल, शनिवार को काठमांडू के दरबरमार्ग में सत्तारूढ़ दल एमाले की तरफ से एक शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया था। इस सम्मेलन की वजह से सार्वजनिक स्थल पर काफी गंदगी फैलने के कारण महानगरपालिका की तरफ से जुर्माना लगाया गया है। काठमांडू महानगरपालिका की तरफ से एमाले पार्टी के अध्यक्ष यानि केपी शर्मा ओली के नाम जारी पत्र में सार्वजनिक स्थान पर गंदगी फैलाने के कारण महानगर के स्वच्छता नियम के मुताबिक एक लाख रुपये का जुर्माना अदा करने को कहा गया है।
शनिवार को ही प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी द्वारा आयोजित शक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित किया था। काठमांडू में राजदरबार के मुख्य द्वार के आगे मंच बनाकर उसके सामने वाली सड़क पर करीब दस हजार कार्यकर्ताओं को उतारा गया था। सत्तारूढ़ दल द्वारा किए गए इस शक्ति प्रदर्शन के कारण पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई थी, जिसके कारण आम जनता ने इस कार्यक्रम की काफी आलोचना की थी।