अल्फी रिचार्ड की अस्थियां भारत लाने के लिए उनकी पत्नी को एनओसी जारी करे लंदन स्थित भारतीय उच्चायोगः हाई कोर्ट
Aug 17, 2024, 20:10 IST
नई दिल्ली, 17 अगस्त दिल्ली हाई कोर्ट ने लंदन के भारतीय उच्चायोग को निर्देश दिया है कि वो भारत में जन्मे और ब्रिटेन में रह रहे अल्फी रिचार्ड वाट्स की अस्थियों को भारत लाने के लिए उनकी पत्नी को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करे। एनओसी मिलने के बाद अल्फी रिचार्ड की अस्थियों को ब्रिटेन से हैदराबाद लाया जा सकेगा। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने शुक्रवार काे यह आदेश दिया।
याचिका अल्फी रिचार्ड वाट्स के पिता एंटनी वाट्स ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अविनाश मैथ्यूज ने कहा कि स्व. अल्फी रिचार्ड का जन्म 3 जून 1988 को हैदराबाद में हुआ था जिससे पता चलता है कि वे भारतीय मूल के थे। यहां तक कि स्व. अल्फी रिचार्ड ने भारतीय नागरिक शैरोन अल्फोंसो से शादी की। याचिकाकर्ता खुद भारत के नागरिक हैं। अल्फी रिचार्ड की 15 जुलाई को ब्रिटेन में मौत हो गई थी। याचिका में कहा गया हा कि अल्फी रिचार्ड वाट्स ने अपने जीवनकाल में ये इच्छा व्यक्ति की थी उनकी मौत के बाद उन्हें हैदराबाद में उनके दादा के पास वाले कब्रगाह में दफनाया जाए। अल्फी रिचार्ड की अंतिम इच्छा को पूरा करने की अनुमति दी जाए।
याचिका में कहा गया था कि अल्फी रिचार्ड की अस्थियों को भारत लाने में ब्रिटेन के प्रशासन ने काफी सहयोग किया लेकिन लंदन के उच्चायोग की ओर से एनओसी नहीं मिलने की वजह से अस्थियों को भारत लाने में अड़चन पैदा हो गई। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने 29 जुलाई को अल्फी रिचार्ड वाट्स के अस्थियों को भारत लाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वे ब्रिटिशा नागरिक थे और उनके पास ओवरसीज सिटिजंस ऑफ इंडिया का कार्ड भी नहीं था।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि विदेशों में रह रहे भारतीयों की मौत के बाद उनके अस्थियों को भारत लाने के लिए अलग-अलग देशों के भारतीय उच्चायोगों के दिशानिर्देशों में एकरूपता नहीं है। कई देशों में ये प्रक्रिया काफी आसान है। सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग किसी भारतीय नागरिक के अस्थियों को भारत भेजने के लिए ओवरसीज सिटीजंस ऑफ इंडिया या भारतीय मूल का कार्ड नहीं मांगता है। केवल मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर ही अस्थियों को भारत आने की अनुमति देता है। वाशिंगटन स्थिति भारतीय उच्चायोग भी बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के अस्थियों को लाने की अनुमति देता है। इसके लिए वो एक फीस लेता है। याचिकाकर्ता की इन दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग को निर्देश दिया कि वे स्व. अल्फी रिचार्ड वाट्स की अस्थियों को भारत लाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करे।
याचिका अल्फी रिचार्ड वाट्स के पिता एंटनी वाट्स ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील अविनाश मैथ्यूज ने कहा कि स्व. अल्फी रिचार्ड का जन्म 3 जून 1988 को हैदराबाद में हुआ था जिससे पता चलता है कि वे भारतीय मूल के थे। यहां तक कि स्व. अल्फी रिचार्ड ने भारतीय नागरिक शैरोन अल्फोंसो से शादी की। याचिकाकर्ता खुद भारत के नागरिक हैं। अल्फी रिचार्ड की 15 जुलाई को ब्रिटेन में मौत हो गई थी। याचिका में कहा गया हा कि अल्फी रिचार्ड वाट्स ने अपने जीवनकाल में ये इच्छा व्यक्ति की थी उनकी मौत के बाद उन्हें हैदराबाद में उनके दादा के पास वाले कब्रगाह में दफनाया जाए। अल्फी रिचार्ड की अंतिम इच्छा को पूरा करने की अनुमति दी जाए।
याचिका में कहा गया था कि अल्फी रिचार्ड की अस्थियों को भारत लाने में ब्रिटेन के प्रशासन ने काफी सहयोग किया लेकिन लंदन के उच्चायोग की ओर से एनओसी नहीं मिलने की वजह से अस्थियों को भारत लाने में अड़चन पैदा हो गई। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने 29 जुलाई को अल्फी रिचार्ड वाट्स के अस्थियों को भारत लाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वे ब्रिटिशा नागरिक थे और उनके पास ओवरसीज सिटिजंस ऑफ इंडिया का कार्ड भी नहीं था।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि विदेशों में रह रहे भारतीयों की मौत के बाद उनके अस्थियों को भारत लाने के लिए अलग-अलग देशों के भारतीय उच्चायोगों के दिशानिर्देशों में एकरूपता नहीं है। कई देशों में ये प्रक्रिया काफी आसान है। सिंगापुर स्थित भारतीय उच्चायोग किसी भारतीय नागरिक के अस्थियों को भारत भेजने के लिए ओवरसीज सिटीजंस ऑफ इंडिया या भारतीय मूल का कार्ड नहीं मांगता है। केवल मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर ही अस्थियों को भारत आने की अनुमति देता है। वाशिंगटन स्थिति भारतीय उच्चायोग भी बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के अस्थियों को लाने की अनुमति देता है। इसके लिए वो एक फीस लेता है। याचिकाकर्ता की इन दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग को निर्देश दिया कि वे स्व. अल्फी रिचार्ड वाट्स की अस्थियों को भारत लाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करे।