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भारतीय सेनाएं बड़े बदलाव की राह पर, थिएटर कमांड का ब्लूप्रिंट तैयार : सीडीएस

निकट पड़ोस में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल की घटनाएं भारतीय सेना के लिए चुनौती 
 
भारतीय सेनाएं बड़े बदलाव की राह पर, थिएटर कमांड का ब्लूप्रिंट तैयार : सीडीएस  
नई दिल्ली, 30 मई। भारतीय सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि भारत की सेनाएं बड़े बदलाव की राह पर हैं और तीनों सेनाओं को मिलाकर थिएटर कमांड तैयार करने का ब्लूप्रिंट अंतिम चरण में है। मंगलवार को पुणे में एनडीए के 144वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में सीडीएस ने कहा कि हम सैन्य मामलों में एक नई क्रांति देख रहे हैं, जो ज्यादातर तकनीक से संचालित है।

पुणे के खडकवासला में एनडीए के 144वें कोर्स की पासिंग आउट परेड के मौके पर कैडेटों को संबोधित करते हुए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि मौजूदा समय में वैश्विक सुरक्षा की स्थिति बेहतर नहीं है और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक व्यवस्था डांवाडोल हालत में है। यूरोप में जंग, हमारी उत्तरी सीमाओं पर चीनी सेना की निरंतर तैनाती और हमारे निकट पड़ोस में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल की घटनाएं भारतीय सेना के लिए एक अलग तरह की चुनौती पेश कर रही हैं। भारत की सेनाएं एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर हमारे दावों की वैधता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि सेनाएं न केवल हमारे निकट पड़ोस, बल्कि दूर के पड़ोस में भी शांति और स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि हम सैन्य मामलों में एक नई क्रांति भी देख रहे हैं, जो ज्यादातर तकनीक से संचालित हैं। जनरल चौहान ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं भी एक बड़े परिवर्तन की राह पर हैं, हम संयुक्तता, एकीकरण और थिएटर कमांड का निर्माण करने की तैयारी में हैं।

एनडीए के 144वें कोर्स में कुल 386 कैडेट पास हुए और उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से डिग्री प्रदान की गई। जनरल चौहान ने त्रि-सेवा अकादमी से पास होने वाली महिला कैडेटों के पहले बैच को बधाई दी और पुरुष प्रधान सेवा में प्रवेश करने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अपने पुरुष भाइयों के समान समान जिम्मेदारियों को उठाने का विकल्प चुना है।

जनरल अनिल चौहान ने एनडीए की स्थापना के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एनडीए गीत 'भारत मां तुझे सलाम' जारी किया। यह गीत अकादमी के लोकाचार, बलिदान की भावना का प्रतीक है और राष्ट्र के लिए सशस्त्र बलों के समर्पण को पुष्ट करता है। इस एनडीए सॉन्ग को भारतीय गायक सुखविंदर सिंह ने गाया है। इसे कुमार ने लिखा, शंकर और सुशांत ने कम्पोज किया है। समर खान और तनुज भाटिया के निर्देशन में यह गीत तैयार किया गया है।