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खुश खबरी: अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 1.87 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर

 
खुश खबरी: अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन 1.87 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर

नई दिल्ली, 1 मई। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह किसी एक महीने में जुटाया गया सबसे अधिक जीएसटी राजस्व है। जुलाई, 2017 में जीएसटी प्रणाली लागू होने के बाद से सर्वाधिक कर संग्रह का पिछला रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये था जो पिछले साल अप्रैल में बना था। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को अप्रैल, 2023 के कर संग्रह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले महीने सकल जीएसटी संग्रह 1,87,035 करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 38,440 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 47,412 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 89,158 करोड़ रुपये के अलावा 12,025 करोड़ रुपये का उपकर भी शामिल है। मंत्रालय ने कहा, एक साल पहले के समान महीने की तुलना में अप्रैल, 2023 में जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत अधिक रहा है। इस दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात समेत) से मिलने वाला कर राजस्व साल भर पहले की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी का कुल संग्रह 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है।

पीएम बोले- ये इकोनॉमी के लिए बहुत बड़ी खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी खबर है। कम टैक्स रेट के बावजूद टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड इजाफा बताता है कि जीएसटी कैसे इंटीग्रेशन और अनुपालन में सफल रहा है।

जीएसटी कलेक्शन में ये राज्य रहे सबसे अव्वल

अप्रैल 2022 में जीएसटी कलेक्शन के लिहाज से टॉप-5 राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। महाराष्ट्र में जीएसटी कलेक्शन पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत बढ़कर 33,196 करोड़ रुपए रहा। इस लिस्ट में कर्नाटक 14,593 करोड़ के कलेक्शन के साथ दूसरे और गुजरात 11,721 करोड़ के कलेक्शन के साथ तीसरे नंबर पर है।

पूरे फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की बात की जाए तो इसमें टोटल 18.10 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन हुआ है। इसके आधार पर हर महीने जीएसटी कलेक्शन का औसत आंकड़ा 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में जीएसटी का ग्रॉस रेवेन्यू, इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की तुलना में 22 प्रतिशत ज्यादा रहा है।

साल 2017 में जीएसटी लागू हुआ था। जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्लैब हैं। हालांकि, गोल्ड और गोल्ड ज्वेलरी पर 3 प्रतिशत टैक्स लगता है।