एफएसएसएआई ने दुग्ध उत्पादों से A1-A2 जैसे दावों को हटाने का दिया निर्देश
खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने कहा-दुग्ध उत्पादों पर ऐसे दावे भ्रामक
Aug 22, 2024, 19:58 IST
नई दिल्ली, 22 अगस्त भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ई-कॉमर्स कंपनियों सहित खाद्य व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों से कहा कि वे दूध और दूध से बने उत्पादों की पैकेजिंग पर से 'A1' और 'A2' जैसे दावे को तुरंत हटा दें। खाद्य सुरक्षा नियामक ने इस तरह की लेबलिंग को भ्रामक बताया है।
एफएसएसएआई ने गुरुवार को जारी बयान में लाइसेंस संख्या या पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या के तहत A1 और A2 नाम से दूध और दूध उत्पादों जैसे घी, दूध आदि की बिक्री या विपणन के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। नियामक ने कहा कि यह दावा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने जारी अपने नवीनतम आदेश में कहा कि उसने इस मुद्दे की जांच के उपरांत पाया है कि A1 और A2 का अंतर दूध में बीटा-केसीन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा हुआ है। हालांकि, मौजूदा एफएसएसएआई नियम इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं। नियामक ने खाद्य व्यवसाय संचालकों एफबीओ (फूड बिजनेस ऑपरेटर) को अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटाने का निर्देश दिया है।" साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भी इन दावों को उत्पादों और वेबसाइटों से तुरंत हटाने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि एफएसएसएआई ने कंपनियों को पहले से छपे लेबल को खत्म करने के लिए छह महीने का वक्त दिया है। इसके बाद कोई और समय विस्तार नहीं दिया जाएगा।एफएसएसएआई ने दुग्ध उत्पादों से A1-A2 जैसे दावों को हटाने का दिया निर्देश
-खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने कहा-दुग्ध उत्पादों पर ऐसे दावे भ्रामक
नई दिल्ली, 22 अगस्त (हि.स.)। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ई-कॉमर्स कंपनियों सहित खाद्य व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों से कहा कि वे दूध और दूध से बने उत्पादों की पैकेजिंग पर से 'A1' और 'A2' जैसे दावे को तुरंत हटा दें। खाद्य सुरक्षा नियामक ने इस तरह की लेबलिंग को भ्रामक बताया है।
एफएसएसएआई ने गुरुवार को जारी बयान में लाइसेंस संख्या या पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या के तहत A1 और A2 नाम से दूध और दूध उत्पादों जैसे घी, दूध आदि की बिक्री या विपणन के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। नियामक ने कहा कि यह दावा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने जारी अपने नवीनतम आदेश में कहा कि उसने इस मुद्दे की जांच के उपरांत पाया है कि A1 और A2 का अंतर दूध में बीटा-केसीन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा हुआ है। हालांकि, मौजूदा एफएसएसएआई नियम इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं। नियामक ने खाद्य व्यवसाय संचालकों एफबीओ (फूड बिजनेस ऑपरेटर) को अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटाने का निर्देश दिया है।" साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भी इन दावों को उत्पादों और वेबसाइटों से तुरंत हटाने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि एफएसएसएआई ने कंपनियों को पहले से छपे लेबल को खत्म करने के लिए छह महीने का वक्त दिया है। इसके बाद कोई और समय विस्तार नहीं दिया जाएगा।
एफएसएसएआई ने गुरुवार को जारी बयान में लाइसेंस संख्या या पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या के तहत A1 और A2 नाम से दूध और दूध उत्पादों जैसे घी, दूध आदि की बिक्री या विपणन के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। नियामक ने कहा कि यह दावा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने जारी अपने नवीनतम आदेश में कहा कि उसने इस मुद्दे की जांच के उपरांत पाया है कि A1 और A2 का अंतर दूध में बीटा-केसीन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा हुआ है। हालांकि, मौजूदा एफएसएसएआई नियम इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं। नियामक ने खाद्य व्यवसाय संचालकों एफबीओ (फूड बिजनेस ऑपरेटर) को अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटाने का निर्देश दिया है।" साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भी इन दावों को उत्पादों और वेबसाइटों से तुरंत हटाने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि एफएसएसएआई ने कंपनियों को पहले से छपे लेबल को खत्म करने के लिए छह महीने का वक्त दिया है। इसके बाद कोई और समय विस्तार नहीं दिया जाएगा।एफएसएसएआई ने दुग्ध उत्पादों से A1-A2 जैसे दावों को हटाने का दिया निर्देश
-खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई ने कहा-दुग्ध उत्पादों पर ऐसे दावे भ्रामक
नई दिल्ली, 22 अगस्त (हि.स.)। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ई-कॉमर्स कंपनियों सहित खाद्य व्यवसाय से जुड़ी कंपनियों से कहा कि वे दूध और दूध से बने उत्पादों की पैकेजिंग पर से 'A1' और 'A2' जैसे दावे को तुरंत हटा दें। खाद्य सुरक्षा नियामक ने इस तरह की लेबलिंग को भ्रामक बताया है।
एफएसएसएआई ने गुरुवार को जारी बयान में लाइसेंस संख्या या पंजीकरण प्रमाणपत्र संख्या के तहत A1 और A2 नाम से दूध और दूध उत्पादों जैसे घी, दूध आदि की बिक्री या विपणन के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया है। नियामक ने कहा कि यह दावा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने जारी अपने नवीनतम आदेश में कहा कि उसने इस मुद्दे की जांच के उपरांत पाया है कि A1 और A2 का अंतर दूध में बीटा-केसीन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा हुआ है। हालांकि, मौजूदा एफएसएसएआई नियम इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं। नियामक ने खाद्य व्यवसाय संचालकों एफबीओ (फूड बिजनेस ऑपरेटर) को अपने उत्पादों से ऐसे दावों को हटाने का निर्देश दिया है।" साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भी इन दावों को उत्पादों और वेबसाइटों से तुरंत हटाने के लिए कहा है।
उल्लेखनीय है कि एफएसएसएआई ने कंपनियों को पहले से छपे लेबल को खत्म करने के लिए छह महीने का वक्त दिया है। इसके बाद कोई और समय विस्तार नहीं दिया जाएगा।