न्यू दिल्ली से पत्रकार ऊषा माहना की कलम से

सामाजिक संस्था जन जागरण मंच ने दिल्ली के समस्त सरकारी एवं निजी विद्यालयों में 25 दिसंबर को “तुलसी पूजन दिवस” को शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधि के रूप में मनाए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञान में संगठन ने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों में सांस्कृतिक बोध, पर्यावरणीय चेतना और नैतिक मूल्यों का विकास भी उतना ही आवश्यक है। संगठन के अनुसार विद्यालय वह आधार हैं जहाँ से समाज के भावी नागरिकों का निर्माण होता है और विद्यालयी वातावरण में मिलने वाले संस्कार विद्यार्थियों की दीर्घकालीन जीवन-दृष्टि को आकार देते हैं।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि वर्तमान समय में 25 दिसंबर को अनेक विद्यालयों में क्रिसमस डे का आयोजन किया जाता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता के अंतर्गत आता है। हालांकि, जन जागरण मंच ने स्पष्ट किया कि यह किसी भी समुदाय की आस्था पर प्रश्न नहीं है, बल्कि यह आवश्यक है कि भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं से जुड़े आयोजनों को भी समान अवसर और महत्व मिले, जिससे विद्यालयी शिक्षा में सांस्कृतिक संतुलन बना रहे।
तुलसी के वैज्ञानिक और पर्यावरणीय लाभ
संगठन ने तुलसी के आयुर्वेदिक, वैज्ञानिक और पर्यावरणीय महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि तुलसी भारतीय जीवन-शैली का अभिन्न अंग रही है। यह वायु शुद्धिकरण, प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने तथा श्वसन संबंधी रोगों में सहायक मानी जाती है। बढ़ते प्रदूषण, जीवन-शैली जनित रोगों और बच्चों में प्रकृति से बढ़ती दूरी के संदर्भ में तुलसी पूजन दिवस को एक व्यावहारिक एवं शैक्षणिक पहल बताया गया है।
तुलसी पूजन दिवस की पृष्ठभूमि
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि 25 दिसंबर को “तुलसी पूजन दिवस” मनाने की परंपरा का शुभारंभ बापू आसाराम जी द्वारा किया गया था। संगठन ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य किसी अन्य धर्म या समुदाय के पर्व का विरोध नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और जीवन-मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना रहा है। समय के साथ यह परंपरा देश के विभिन्न राज्यों में सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर व्यापक रूप से स्वीकार की गई है।
मुख्यमंत्री से की गई प्रमुख मांगें
ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि—
दिल्ली के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में 25 दिसंबर को “तुलसी पूजन दिवस” को शैक्षणिक-सांस्कृतिक गतिविधि के रूप में मनाने हेतु दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
इस दिन विद्यालयों में तुलसी पूजन, पौधारोपण, पर्यावरण संरक्षण, आयुर्वेद एवं भारतीय संस्कृति से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी जाए।
आयोजन को पूर्णतः स्वैच्छिक, समावेशी और शैक्षणिक स्वरूप में सुनिश्चित किया जाए। जन जागरण मंच ने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह पहल दिल्ली को पर्यावरण चेतना, सांस्कृतिक संतुलन और मूल्यपरक शिक्षा का एक आदर्श केंद्र बना सकती है। संगठन ने ज्ञापन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह किया है

