एफपीओ आंदोलन गति पकड़ रहा, किसान और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभदायक- कृषि मंत्री
Jul 8, 2024, 20:22 IST
नई दिल्ली, 8 जुलाई
केन्द्रीय कृषि
कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली
हाट में आयोजित एफपीओ मेले में पहुंचकर विभिन्न किसान उत्पाद संगठन (एफपीओ) के
कृषि उत्पादों के स्टॉल्स का अवलोकन किया और किसानों से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण सर्वोपरि है। इस दिशा में
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने और देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए
सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों-एफपीओ की बड़ी भूमिका
है।
पत्रकारों से बातचीत
में कृषि मंत्री ने कहा कि एफपीओ आंदोलन अब देश में गति पकड़ रहा है। एफपीओ के
माध्यम से किसान स्वयं उत्पादन कर उसका प्रसंसकरण करते हैं और फिर ग्राहक तक
उत्पाद पहुंचाते हैं। इसके माध्यम से उपभोक्ता को सस्ता उत्पाद मिलता है और किसान
को भी अधिक लाभ की प्राप्ति होती है।
उन्होंने बताया कि हमारा
लक्ष्य 10,000 एफपीओ बनाने का था और हमने लगभग 8,800 स्थापित
किए हैं। इस दौरान बातचीत में उन्हें एफपीओ से जुड़े किसानों की समस्याओं को भी
जानने का मौका मिला। किसानों बताया कि उन्हें प्रावइट ऋणदाताओं से ऋण लेना पड़ रहा
है जिसमें अधिक बयाज देना पड़ता है।
केन्द्रीय कृषि
कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को नई दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली
हाट में आयोजित एफपीओ मेले में पहुंचकर विभिन्न किसान उत्पाद संगठन (एफपीओ) के
कृषि उत्पादों के स्टॉल्स का अवलोकन किया और किसानों से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण सर्वोपरि है। इस दिशा में
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने और देश के छोटे किसानों के बढ़ते हुए
सामर्थ्य को संगठित रूप देने में हमारे किसान उत्पाद संगठनों-एफपीओ की बड़ी भूमिका
है।
पत्रकारों से बातचीत
में कृषि मंत्री ने कहा कि एफपीओ आंदोलन अब देश में गति पकड़ रहा है। एफपीओ के
माध्यम से किसान स्वयं उत्पादन कर उसका प्रसंसकरण करते हैं और फिर ग्राहक तक
उत्पाद पहुंचाते हैं। इसके माध्यम से उपभोक्ता को सस्ता उत्पाद मिलता है और किसान
को भी अधिक लाभ की प्राप्ति होती है।
उन्होंने बताया कि हमारा
लक्ष्य 10,000 एफपीओ बनाने का था और हमने लगभग 8,800 स्थापित
किए हैं। इस दौरान बातचीत में उन्हें एफपीओ से जुड़े किसानों की समस्याओं को भी
जानने का मौका मिला। किसानों बताया कि उन्हें प्रावइट ऋणदाताओं से ऋण लेना पड़ रहा
है जिसमें अधिक बयाज देना पड़ता है।