कोरोना काल में विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले से पूर्व विधायक जयकिशन बरी
Sep 21, 2024, 20:03 IST
नई दिल्ली, 21 सितंबर दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के दौरान अगस्त 2020 में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर प्रदर्शन में शामिल होने के मामले में दिल्ली के पूर्व कांग्रेस विधायक जयकिशन को बरी कर दिया है। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने जयकिशन को बरी करने का आदेश दिया।
दिल्ली के संसद मार्ग थाने में 28 अगस्त 2020 को जयकिशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। पुलिस ने जयकिशन समेत चार आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, एपिडेमिट डिजीस एक्ट की धारा 3 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। 28 अगस्त को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने नीट और जेईई परीक्षा के आयोजन के खिलाफ पुलिस की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद प्रदर्शन किया था।
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष बैरिकेड पर लगाये गए एक चेतावनी नोटिस के फोटो को आधार बनाकर इस केस को आगे बढ़ाना चाहता है। नोटिस में न तो प्रदर्शन का जिक्र है और न ही प्रदर्शन के स्थान का। कोर्ट ने कहा कि नोटिस का संबंध संसद मार्ग के एसीपी की ओर से 4 अगस्त 2020 को जारी किए गए आदेश से भी नहीं दर्शाया गया है। यहां तक कि अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत जांच अधिकारी ने आरोपित को धारा 144 लगने की कोई सूचना भी नहीं दी थी।
उल्लेखनीय है कि 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के दौरान दिल्ली पुलिस ने आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों के तहत पूरी दिल्ली में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए धारा 144 लगा दी थी। इस दौरान प्रदर्शन करने की भी छूट नहीं थी।
दिल्ली के संसद मार्ग थाने में 28 अगस्त 2020 को जयकिशन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। पुलिस ने जयकिशन समेत चार आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, एपिडेमिट डिजीस एक्ट की धारा 3 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 के तहत एफआईआर दर्ज की थी। 28 अगस्त को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं ने नीट और जेईई परीक्षा के आयोजन के खिलाफ पुलिस की अनुमति नहीं मिलने के बावजूद प्रदर्शन किया था।
कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष बैरिकेड पर लगाये गए एक चेतावनी नोटिस के फोटो को आधार बनाकर इस केस को आगे बढ़ाना चाहता है। नोटिस में न तो प्रदर्शन का जिक्र है और न ही प्रदर्शन के स्थान का। कोर्ट ने कहा कि नोटिस का संबंध संसद मार्ग के एसीपी की ओर से 4 अगस्त 2020 को जारी किए गए आदेश से भी नहीं दर्शाया गया है। यहां तक कि अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत जांच अधिकारी ने आरोपित को धारा 144 लगने की कोई सूचना भी नहीं दी थी।
उल्लेखनीय है कि 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के दौरान दिल्ली पुलिस ने आपदा प्रबंधन दिशानिर्देशों के तहत पूरी दिल्ली में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए धारा 144 लगा दी थी। इस दौरान प्रदर्शन करने की भी छूट नहीं थी।