इलेक्टोरल बांड को लेकर वित्त मंत्री के खिलाफ बेंगलुरु में एफआईआर दर्ज
Sep 28, 2024, 19:58 IST
बेंगलुरू/नई दिल्ली, 28 सितंबर एक विशेष अदालत के निर्देश पर आज बेंगलुरू के तिलकनगर पुलिस स्टेशन में चुनावी बॉन्ड जबरन वसूली मामले में पुलिस ने खत्म की जा चुकी इलेक्टोरल बांड योजना के तहत जबरन वसूली के आरोप में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
एफआईआर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों, भाजपा के तात्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील का नाम है।
जन अधिकार संघर्ष संगठन से जुड़े आदर्श अय्यर ने उनके खिलाफ शिकायत दी थी और आरोप लगाया था कि सीतारमण और अन्य ने इलेक्टोरल बांड के नाम पर जबरन वसूली की है। शिकायत में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कर्नाटक भाजपा के तात्कालीन अध्यक्ष नलिन कुमार कटील और डीवाई विजेंद्र के खिलाफ शिकायत दी गई थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कॉर्पोरेट संस्थाओं को हजारों करोड़ के इलेक्टोरल बांड खरीदने के लिए मजबूर किया गया और ऐसा नहीं करने पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से उन्हें डराया गया। इन इलेक्टोरल बांड का इस्तेमाल भाजपा नेताओं ने केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर किया है।
दूसरी और भारतीय जनता पार्टी ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी का कहना है कि इलेक्टोरल बांड योजना एक नीतिगत फैसला थी और इसे आपराधिक मामले से जोड़ना गलत है। भाजपा ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला करते हुए कहा कि उनके खिलाफ ‘मुडा’ मामले में जांच चल रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज इसपर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने संसद में इलेक्ट्रोरल बांड का मुद्दा उठाया था। ईडी, सीबीआई के जरिए लोगों को डरा-धमका कर चुनावी बॉन्ड लिया गया है। कोई इस मामले को कोर्ट में ले गया है। हम देखेंगे कि क्या होता है।
एफआईआर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों, भाजपा के तात्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील का नाम है।
जन अधिकार संघर्ष संगठन से जुड़े आदर्श अय्यर ने उनके खिलाफ शिकायत दी थी और आरोप लगाया था कि सीतारमण और अन्य ने इलेक्टोरल बांड के नाम पर जबरन वसूली की है। शिकायत में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कर्नाटक भाजपा के तात्कालीन अध्यक्ष नलिन कुमार कटील और डीवाई विजेंद्र के खिलाफ शिकायत दी गई थी।
शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कॉर्पोरेट संस्थाओं को हजारों करोड़ के इलेक्टोरल बांड खरीदने के लिए मजबूर किया गया और ऐसा नहीं करने पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से उन्हें डराया गया। इन इलेक्टोरल बांड का इस्तेमाल भाजपा नेताओं ने केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर किया है।
दूसरी और भारतीय जनता पार्टी ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी का कहना है कि इलेक्टोरल बांड योजना एक नीतिगत फैसला थी और इसे आपराधिक मामले से जोड़ना गलत है। भाजपा ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला करते हुए कहा कि उनके खिलाफ ‘मुडा’ मामले में जांच चल रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज इसपर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने संसद में इलेक्ट्रोरल बांड का मुद्दा उठाया था। ईडी, सीबीआई के जरिए लोगों को डरा-धमका कर चुनावी बॉन्ड लिया गया है। कोई इस मामले को कोर्ट में ले गया है। हम देखेंगे कि क्या होता है।