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इतिहास के पन्नों में 13 फरवरीः जब गैलीलियो को गिरफ्तार किया गया

 
 इतिहास के पन्नों में 13 फरवरीः जब गैलीलियो को गिरफ्तार किया गया 
खगोलशास्त्री गैलीलियो को 13 फरवरी 1633 को इटली के रोम पहुँचने पर गिरफ्तार कर रोमन चर्च और पादरियों के समक्ष पेश किया गया। दरअसल, गैलीलियो ने अपनी वैज्ञानिक खोज के आधार पर यह कहा था कि पृथ्वी अंतरिक्ष का केंद्र नहीं है। पृथ्वी चपटी भी नहीं है। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूम रही है और चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर। उसी वजह से धरती पर दिन-रात होते हैं और मौसम बदलते हैं। सूर्य एक तारा है। पृथ्वी ग्रह है और चंद्रमा उसका उपग्रह।
पादरियों को यह बात नागवार गुजरी और इसलिए गैलीलियो को गिरफ्तार कर पेश किया गया। पादरियों ने गैलीलियो से पूछा कि क्या उसकी कही बातें सच हैं? गैलीलियो के हां कहने पर पादरी नाराज होकर बोले कि क्या उसे पता नहीं कि यह बात धर्मग्रंथ के उलट है? गैलीलियो ने कहा कि उसे पता है कि धर्मग्रंथ में लिखा है कि पृथ्वी स्थिर है और सूर्य पृथ्वी के चक्कर लगाता है। हालांकि गैलीलियो ने कहा कि वह सत्य जानने के बावजूद धर्मग्रंथ में कही गई बातों को मानने के लिए राजी है।
गैलीलियो ने भरे चर्च में सबके सामने अपनी कही सारी वैज्ञानिक बातों को झूठ कहते हुए ईश्वर की सत्ता का उल्लंघन करने के लिए माफी मांग ली, लेकिन चर्च ने उन्हें धोखा दिया। गैलीलियो को मृत्युदंड तो नहीं दिया, लेकिन माफी मांगने के बाद भी उन्हें आजाद नहीं किया। चर्च ने गैलीलियो को कैद कर दिया। ये कैद एक तरह का हाउस अरेस्ट था। इसी दौरान गैलीलियो ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण किताब लिखी- टू न्यू साइंस। 8 जनवरी, 1642 को कैद में रहते हुए ही गैलीलियो की मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के करीब 350 साल बाद 1992 को चर्च ने अपनी गलती मानी।
अन्य अहम घटनाएंः
1542 - इंग्लैंड की रानी कैथरीन हवाई को मौत के घाट उतार दिया गया।
1575 - फ्रांस के राजा हेनरी तृतीय का रेम्स में राज्याभिषेक।
1601 - लंदन में ईस्ट इंडिया कम्पनी की पहली यात्रा का नेतृत्व जान लैंकास्टर ने किया।
1633 - इटली के खगोलशास्त्री गैलीलियो को रोम पहुँचने पर गिरफ्तार कर लिया गया।
1688 - स्पेन ने पुर्तगाल को अलग राष्ट्र स्वीकार किया।
1713 - दिल्ली के सुल्तान जहाँदारशाह की हत्या गला घोंट कर की गई।
1739 - करनाल के युद्ध में नादिरशाह की फौज ने मुगल शासक मुहम्मद शाह की सेना को हराया।
1795 - अमेरिका में पहला स्टेट यूनिवर्सिटी उत्तरी कैरोलिना में खुला।
1856 - ईस्ट इंडिया कम्पनी का लखनऊ सहित अवध पर भी कब्ज़ा।
1931 - नई दिल्ली भारत की राजधानी घोषित हुई।
1941 - जर्मनी में नाजियों ने डच यहूदी परिषद पर हमला किया।
1945 - सोवियत संघ ने जर्मनी के साथ 49 दिन तक चले युद्ध के बाद हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट पर क़ब्ज़ा किया। जिसमें एक लाख 59 हजार लोग मारे गये।
1959 - बच्चों की पसंदीदा बार्बी डॉल की बिक्री शुरू हुई।
1961 -द्वितीय विश्वयुद्ध में मित्र राष्ट्रों ने बुडापोस्ट पर कब्ज़ा किया।
1984 - पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नौसेना के लिए मुंबई स्थित मझगांव डॉक का शुभारंभ किया।
1988 - बांग्लादेश में राष्ट्रपति हुसैन मुहम्मद इरशाद को हटाने के लिए विपक्षी आंदोलनकारियों की मुहिम में सैकड़ों लोग घायल हुए।
1989 - सोवियत सैनिक अफगानिस्तान से हटने शुरू हुए।
1990 - अमेरिका, ब्रिटेन तथा फ्रांस ने जर्मनी को फिर से एकीकृत करने की सहमति दी।
2002 - पर्ल अपहरण काण्ड का मुख्य अभियुक्त उमर शेख लाहौर में गिरफ़्तार।
2003 - यश चोपड़ा को दादा साहब फालके पुरस्कार मिला।
2005 - इराक में सद्दाम हुसैन के बाद हुए पहले चुनाव में शिया इस्लामिक मोर्चे की जीत।
2007 - उत्तर कोरिया परमाणु कार्यक्रम बंद करने पर सहमत।
2008 - पाकिस्तान न कम दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल गजनवी का सफल परीक्षण किया।
जन्म
1995 - वरुण भाटी - भारत के ऊँची कूद के खिलाड़ी हैं।
1879 - सरोजिनी नायडू (भारत कोकिला) - स्वतंत्रता सेनानी
1915 - गोपाल प्रसाद व्यास - भारत के प्रसिद्ध कवियों, लेखकों और साहित्यकारों में से एक।
1911 - फैज अहमद फैज - प्रसिद्ध शायर।
1916 - जगजीत सिंह अरोड़ा भारतीय सेना के कमांडर
1944 - ओडूविल उन्नीकृष्णनन - भारतीय अभिनेता
1958 - रश्मि प्रभा - समकालीन कवयित्री
1959 - कमलेश भट्ट कमल - समकालीन कवि
1945 - विनोद मेहरा - भारतीय सिनेमा के अभिनेता।
निधन
2020 - राजेन्द्र कुमार पचौरी - अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित प्रसिद्ध पर्यावरणविद थे।
2016 - ओ. एन. वी. कुरुप - प्रसिद्ध मलयाली कवि और गीतकार थे।
2015 - डॉ. तुलसीराम - दलित लेखन में अपना एक अलग स्थान रखने वाले साहित्यकार थे।
2012 - अख़लाक़ मुहम्मद ख़ान 'शहरयार' - उर्दू के मशहूर शायर थे।
2008 - राजेंद्रनाथ - हिंदी सिनेमा के हास्य कलाकार थे।
1964 - असित कुमार हाल्दार - कल्पनाशील, भाव-प्रवण आधुनिक चित्रकार थे।
1918 - सर सुंदरलाल - प्रसिद्ध विधिवेत्ता और सार्वजनिक कार्यकर्ता थे।
1832 - बुधु भगत - प्रसिद्ध क्रांतिकारी तथा 'लरका विद्रोह' के आरम्भकर्ता।