(अपडेट) आरजी कर घोटाला मामले में तीन स्थानों पर ईडी की छापेमारी
Sep 12, 2024, 14:29 IST
कोलकाता, 12 सितम्बर। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गुरुवार को कोलकाता में तीन स्थानों पर छापेमारी की। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष के पैतृक निवास सहित अन्य स्थान शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, जिन तीन स्थानों पर छापेमारी की गई उनमें उत्तरी कोलकाता के न्यू टाउन स्थित संदीप घोष का पैतृक निवास, उत्तर कोलकाता के टाला इलाके में चंदन लौह का निवास और कालिंदी में एक केमिस्ट और ड्रगिस्ट की दुकान शामिल है। ईडी की तीनों टीमों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई।
सूत्रों ने बताया कि चंदन लौह, संदीप घोष का करीबी सहयोगी है और उसने आरजी कर परिसर में एक कैफेटेरिया को अवैध रूप से चलाया था, जो कि घोष के संरक्षण में संचालित हो रहा था।
दूसरी ओर, कालिंदी में जिस केमिस्ट और ड्रगिस्ट की दुकान पर छापा मारा गया, वह आरजी कर प्राधिकरणों के साथ व्यापारिक लेन-देन से जुड़े दस्तावेज़ों के आधार पर की गई कार्रवाई थी, जो उस समय हुई थी जब घोष अस्पताल के प्रधानाचार्य थे।
उल्लेखनीय है कि ईडी के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी इस वित्तीय अनियमितता मामले में समानांतर जांच कर रही है। हालांकि, सीबीआई की जांच न्यायालय के आदेश के तहत और न्यायालय की निगरानी में चल रही है, जबकि ईडी ने इस मामले में स्व-प्रेरित प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर स्वतः जांच शुरू की है।
सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच में ईडी ने कई खामियों की पहचान की है, जिनके माध्यम से वित्तीय अनियमितताएं की गईं। विशेष रूप से कई शेल कंपनियों की भूमिका, जिनका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति या किसी बुनियादी ढांचे के रखरखाव अनुबंध के लिए किए गए टेंडरों में हेरफेर करने के लिए किया गया। ईडी के पास इस बात के भी साक्ष्य हैं कि संदीप घोष ने टेंडर देने के लिए अवैध रूप से कमीशन के रूप में बड़ी रकम अर्जित की थी। फिलहाल घोष न्यायिक हिरासत में हैं।
सूत्रों के अनुसार, जिन तीन स्थानों पर छापेमारी की गई उनमें उत्तरी कोलकाता के न्यू टाउन स्थित संदीप घोष का पैतृक निवास, उत्तर कोलकाता के टाला इलाके में चंदन लौह का निवास और कालिंदी में एक केमिस्ट और ड्रगिस्ट की दुकान शामिल है। ईडी की तीनों टीमों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवानों द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई।
सूत्रों ने बताया कि चंदन लौह, संदीप घोष का करीबी सहयोगी है और उसने आरजी कर परिसर में एक कैफेटेरिया को अवैध रूप से चलाया था, जो कि घोष के संरक्षण में संचालित हो रहा था।
दूसरी ओर, कालिंदी में जिस केमिस्ट और ड्रगिस्ट की दुकान पर छापा मारा गया, वह आरजी कर प्राधिकरणों के साथ व्यापारिक लेन-देन से जुड़े दस्तावेज़ों के आधार पर की गई कार्रवाई थी, जो उस समय हुई थी जब घोष अस्पताल के प्रधानाचार्य थे।
उल्लेखनीय है कि ईडी के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी इस वित्तीय अनियमितता मामले में समानांतर जांच कर रही है। हालांकि, सीबीआई की जांच न्यायालय के आदेश के तहत और न्यायालय की निगरानी में चल रही है, जबकि ईडी ने इस मामले में स्व-प्रेरित प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर स्वतः जांच शुरू की है।
सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच में ईडी ने कई खामियों की पहचान की है, जिनके माध्यम से वित्तीय अनियमितताएं की गईं। विशेष रूप से कई शेल कंपनियों की भूमिका, जिनका इस्तेमाल चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति या किसी बुनियादी ढांचे के रखरखाव अनुबंध के लिए किए गए टेंडरों में हेरफेर करने के लिए किया गया। ईडी के पास इस बात के भी साक्ष्य हैं कि संदीप घोष ने टेंडर देने के लिए अवैध रूप से कमीशन के रूप में बड़ी रकम अर्जित की थी। फिलहाल घोष न्यायिक हिरासत में हैं।