यमुनोत्री हाइवे पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा टूटने से दर्जनों मजदूर फंसे
Updated: Nov 12, 2023, 14:30 IST
उत्तरकाशी, 12 नवंबर उत्तराखंड में यमुनोत्री हाइवे पर ऑलवेदर रोड परियोजना की सबसे लंबी सिलक्यारा से डंडालगांव तक डबल लेन निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा टूटने से दर्जनों मजदूर फंस गए हैं। बताया गया है कि सिलक्यारा से 179 मीटर आगे भूस्खलन हुआ है।
उप जिला अधिकारी डुंडा बृजेश तिवारी का कहना है कि हादसे की सूचना मिली है। जिला आपदा प्रबंधन एवं एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है । सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी भी मौके पर पहुंच चुके हैं। इस सुरंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। इसका काम अंतिम चरण पर है। चार किलोमीटर हिस्से की लगभग खुदाई हो चुकी है।
यमुनोत्री राजमार्ग पर पर सिलक्यारा और पौलगांव के बीच लगभग 853 करोड़ की लागत से बन रही इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण में 700-800 से अधिक श्रमिक दिन-रात जुटे हैं। उम्मीद थी कि फरवरी 2024 तक सुरंग आर-पार हो जाएगी। इसके निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी तो 25 किलोमीटर कम होगी ही, समय भी 50 मिनट बचेगा। साथ ही उत्तरकाशी जिले की रवाई घाटी को राड़ी टाप में शीतकालीन में बर्फबारी से मार्ग बंद होने की समस्या से भी निजात मिलेगी। रवाई घाटी में करीब दो लाख की आबादी निवास करती है। इस सुरंग का निर्माण सात जनवरी 2019 से नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कंपनी, नेशनल हाइवे ऐंड इन्फ्रॉस्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की देखरेख में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि से करवा रही है।
उप जिला अधिकारी डुंडा बृजेश तिवारी का कहना है कि हादसे की सूचना मिली है। जिला आपदा प्रबंधन एवं एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच चुकी है । सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी भी मौके पर पहुंच चुके हैं। इस सुरंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। इसका काम अंतिम चरण पर है। चार किलोमीटर हिस्से की लगभग खुदाई हो चुकी है।
यमुनोत्री राजमार्ग पर पर सिलक्यारा और पौलगांव के बीच लगभग 853 करोड़ की लागत से बन रही इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण में 700-800 से अधिक श्रमिक दिन-रात जुटे हैं। उम्मीद थी कि फरवरी 2024 तक सुरंग आर-पार हो जाएगी। इसके निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी तो 25 किलोमीटर कम होगी ही, समय भी 50 मिनट बचेगा। साथ ही उत्तरकाशी जिले की रवाई घाटी को राड़ी टाप में शीतकालीन में बर्फबारी से मार्ग बंद होने की समस्या से भी निजात मिलेगी। रवाई घाटी में करीब दो लाख की आबादी निवास करती है। इस सुरंग का निर्माण सात जनवरी 2019 से नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कंपनी, नेशनल हाइवे ऐंड इन्फ्रॉस्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की देखरेख में न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि से करवा रही है।