डॉक्टरों के संगठन एफएआईएमए ने सुरक्षा के लिए किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
नेशनल टॉस्क फोर्स में रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधि को भी शामिल करने की मांग
Aug 21, 2024, 20:35 IST
नई दिल्ली, 21 अगस्त डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआईएमए) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके कहा है कि कोर्ट की ओऱ से गठित नेशनल टास्क फोर्स की अनुशंसाओं के लागू होने तक डॉक्टरों को अंतरिम सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश जारी किया जाए। साथ ही नेशनल टास्क फोर्स में रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधि को भी शामिल करने की मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों को हमेशा ही हिंसा और धमकियों का शिकार होना पड़ता है। डॉक्टरों को मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों से मिलते समय हमेशा ही खतरा बरकरार रहता है। याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों को काम के दौरान सुरक्षा मौलिक अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दिए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई को 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक टास्क फोर्स का गठन करने का आदेश दिया था, जो देश में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों का सुझाव देगी, ताकि काम के दौरान सुरक्षा की स्थिति बनी रहे और युवा डॉक्टर अपने काम के माहौल में सुरक्षित रहें। कोर्ट ने डॉक्टरों से अनुरोध किया था कि वे काम पर लौट आएं। कोर्ट ने कहा था कि अगर मरीज़ों की जान चली जाती है तो हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं।
याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों को हमेशा ही हिंसा और धमकियों का शिकार होना पड़ता है। डॉक्टरों को मरीज की मौत के बाद उनके परिजनों से मिलते समय हमेशा ही खतरा बरकरार रहता है। याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों को काम के दौरान सुरक्षा मौलिक अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दिए जाने के मामले में सुनवाई करते हुए सीबीआई को 22 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक टास्क फोर्स का गठन करने का आदेश दिया था, जो देश में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों का सुझाव देगी, ताकि काम के दौरान सुरक्षा की स्थिति बनी रहे और युवा डॉक्टर अपने काम के माहौल में सुरक्षित रहें। कोर्ट ने डॉक्टरों से अनुरोध किया था कि वे काम पर लौट आएं। कोर्ट ने कहा था कि अगर मरीज़ों की जान चली जाती है तो हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं।