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मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में समिति गठित करने की मांग

 
मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में समिति गठित करने की मांग
नई दिल्ली, 24 जुलाई। मणिपुर में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और हिंसा मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में चार हफ्ते के भीतर यौन उत्पीड़न की घटनाओं और कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति की जांच की मांग की गई है।

याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। याचिका में ललिता कुमारी के मामले में निर्धारित कानून का पालन करने में विफल रहने के लिए राज्य एजेंसियों की लापरवाही को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने की भी मांग की गई है। याचिका में ऐसे मामलों की जांच सीबीआई के कराए जाने का आदेश देने की मांग भी की गई है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दलील दी है कि मणिपुर में कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा घटना की रोकथाम में कोई भागीदारी नहीं होने के कारण वहां महिलाओं का यौन उत्पीड़न, बलात्कार और छेड़छाड़ ही नहीं बल्कि गोलीबारी, बम विस्फोट और दंगे हुए।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में महिलाओं के उत्पीड़न के वायरल वीडियो पर 20 जुलाई को स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और मणिपुर सरकार से अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि सरकार कार्रवाई करे वरना कोर्ट दखल देगा।