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कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा को निलंबित करने से हाई कोर्ट का इनकार

 
  कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा को निलंबित करने से हाई कोर्ट का इनकार
 नई दिल्ली, 07 जून  दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को ट्रायल कोर्ट से मिली दस साल की कैद की सजा को निलंबित करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने कुलदीप सेंगर की याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
सेंगर ने याचिका दायर कर कहा था कि दस साल कैद की सजा में उसने करीब छह साल की कैद की सजा पूरी कर ली है। याचिका में कहा गया था कि अभियोजन का केस केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है। हाई कोर्ट ने कहा कि एक बाद जब कोई आरोपित दोषी करार दिया जाता है तो निर्दोष होने का अनुमान खत्म हो जाता है। हाई कोर्ट ने कहा कि सजा को निलंबित करने पर विचार करते समय दोषी की घटना में उसकी भूमिका और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखा जाता है।
सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है। उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपितों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
दुष्कर्म पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी। 4 जून 2017 को दुष्कर्म पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। दुष्कर्म पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी।
20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से दुष्कर्म के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।