दिल्ली सिख विरोधी दंगाः पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा मामले में जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय
Updated: Aug 30, 2024, 20:56 IST
नई दिल्ली, 30 अगस्त दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के मामले में आरोपित जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय कर दिया है। स्पेशल जज राकेश स्याल ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया। कोर्ट ने जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर 19 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपित सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया। मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था। इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। इसके पहले मनु शर्मा ने जगदीश टाइटलर को इस मामले से बरी करने की मांग की थी। कोर्ट में जगदीश टाइटलर की ओऱ से गुरपतवंत पन्नू का नाम लेते हुए कहा गया था कि चूंकि पन्नू गवाहों का वकील था और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था, ऐसे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला चलाने का कोई मतलब नहीं है और उसे इस मामले में बरी किया जाना चाहिए।
इस मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल को आरोप तय करने पर दलीलें पूरी कर ली थी। 4 अगस्त, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई, 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत अभियोग लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा लगा दी गई थी।
सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपित सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया। मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था। इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। इसके पहले मनु शर्मा ने जगदीश टाइटलर को इस मामले से बरी करने की मांग की थी। कोर्ट में जगदीश टाइटलर की ओऱ से गुरपतवंत पन्नू का नाम लेते हुए कहा गया था कि चूंकि पन्नू गवाहों का वकील था और उसे भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा था, ऐसे में जगदीश टाइटलर के खिलाफ मामला चलाने का कोई मतलब नहीं है और उसे इस मामले में बरी किया जाना चाहिए।
इस मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल को आरोप तय करने पर दलीलें पूरी कर ली थी। 4 अगस्त, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई, 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत अभियोग लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा लगा दी गई थी।