हिरासत में मौत के मामले में पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की जमानत याचिका खारिज
Apr 29, 2025, 20:12 IST

नई दिल्ली, 29 अप्रैल सुप्रीम कोर्ट ने 1990 में हिरासत में मौत के मामले में दायर गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संजीव भट्ट की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया। भट्ट को गुजरात के जामनगर में सेशंस कोर्ट ने नवंबर 1990 में जामजोधपुर निवासी प्रभुदास वैष्णानी की हिरासत में मौत के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
घटना प्रभुदास माधवजी वैष्णानी की मृत्यु से संबंधित है, जो कथित तौर पर नवंबर 1990 में हिरासत में यातना के कारण हुई। उस समय भट्ट जामनगर में सहायक पुलिस अधीक्षक थे। संजीव भट्ट ने दूसरे अधिकारियों के साथ वैष्णानी समेत करीब 133 लोगों को भारत बंद के दौरान दंगा करने के आरोप में हिरासत में लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संजीव भट्ट की सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई करने का आदेश दिया। भट्ट को गुजरात के जामनगर में सेशंस कोर्ट ने नवंबर 1990 में जामजोधपुर निवासी प्रभुदास वैष्णानी की हिरासत में मौत के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित करने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
घटना प्रभुदास माधवजी वैष्णानी की मृत्यु से संबंधित है, जो कथित तौर पर नवंबर 1990 में हिरासत में यातना के कारण हुई। उस समय भट्ट जामनगर में सहायक पुलिस अधीक्षक थे। संजीव भट्ट ने दूसरे अधिकारियों के साथ वैष्णानी समेत करीब 133 लोगों को भारत बंद के दौरान दंगा करने के आरोप में हिरासत में लिया था।