तीन दशक पहले की एक पेंशन योजना को लागू नहीं करने पर पंजाब के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस
Mar 5, 2025, 20:51 IST

नई दिल्ली, 05 मार्च सुप्रीम कोर्ट ने तीन दशक पहले की एक पेंशन योजना को लागू नहीं करने पर पंजाब के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि कोर्ट के आदेश को हल्के में नहीं लिया जा सकता है और राज्य के मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस का जवाब देना होगा। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट को बार-बार आश्वासन देने के बावजूद राज्य सरकार ने आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अधिकारी को लगता है कि किसी दूसरे अधिकारी की वजह से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा सकता है तो वे उन जिम्मेदार अधिकारियों का विवरण हलफनामा में दे सकते हैं।
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को भरोसा दिया कि वो सुनवाई की अगली तिथि को इस योजना को लागू करने को लेकर कुछ सकारात्मक सूचना देंगे। याचिका रजनीश कुमार और अन्य ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब के निजी कॉलेजों में पेंशन लाभ योजना संबंधी 1996 के कानून को लागू नहीं किया जा रहा है। इसके लिए याचिकाकर्ता ने पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। हाई कोर्ट में पंजाब सरकार ने हलफनामा के जरिये कहा कि इस योजना को 25 जून 2002 से लागू किया जाएगा, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट को बार-बार आश्वासन देने के बावजूद राज्य सरकार ने आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अधिकारी को लगता है कि किसी दूसरे अधिकारी की वजह से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा सकता है तो वे उन जिम्मेदार अधिकारियों का विवरण हलफनामा में दे सकते हैं।
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को भरोसा दिया कि वो सुनवाई की अगली तिथि को इस योजना को लागू करने को लेकर कुछ सकारात्मक सूचना देंगे। याचिका रजनीश कुमार और अन्य ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब के निजी कॉलेजों में पेंशन लाभ योजना संबंधी 1996 के कानून को लागू नहीं किया जा रहा है। इसके लिए याचिकाकर्ता ने पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। हाई कोर्ट में पंजाब सरकार ने हलफनामा के जरिये कहा कि इस योजना को 25 जून 2002 से लागू किया जाएगा, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया।