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भय और भ्रम फैलाने के लिए डीप फेक का इस्तेमाल कर रही कांग्रेस : अनुराग ठाकुर

 
  भय और भ्रम फैलाने के लिए डीप फेक का इस्तेमाल कर रही कांग्रेस : अनुराग ठाकुर
नई दिल्ली, 30 अप्रैल  केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि झूठ बोलने में माहिर कांग्रेस अब डीप फेक वीडियो बना कर लोगों में भय और भ्रम फैला रही है। कांग्रेस के बड़े नेताओं का नाम इसमें आना लोकतंत्र के लिए शर्मनाक भी है और घातक भी है।
मंगलवार को डीप फेक पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि “आम चुनाव से पहले भी हमें पता था कि विपक्ष अपनी निश्चित हार को देखते हुए झूठ, भय और भ्रम का सहारा जरूर लेगा। आज कांग्रेस का हर बड़ा नेता केवल झूठ के बदौलत अपना चुनाव प्रचार चला रहा है। झूठ बोलने से भी हार में बदलाव न होता देख अब यह लोग टेक्नोलॉजी और डीप फेक का उपयोग कर और ज्यादा भ्रम और भय फैला रहे हैं। चुनाव जीतने के लिए इंडी अलायंस के नेता सारे अनैतिक कार्य कर रहे हैं।
ठाकुर ने आगे कहा कि राहुल गांधी कहीं से भी चुनाव लड़ें, उनकी हार निश्चित है लेकिन अपनी हार से बचने के लिए कांग्रेस झूठ, भय और भ्रम ना फैलाए। आरक्षण और संविधान के बारे में कांग्रेस द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम बिल्कुल निराधार और बेबुनियाद है। कांग्रेस जिन-जिन राज्यों में सरकार बनाती है, वहां एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण काट कर अपने वोटबैंक को देती है। कांग्रेस ने देश में इमरजेंसी लगाई। उन्होंने अब तक सबसे ज्यादा 62 बार संविधान संशोधन किए हैं, वहीं पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने एससी-एसटी और ओबीसी के सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत की है।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया। आज हमारी सभी योजनाओं के प्रमुख लाभार्थी एसटी, एससी और ओबीसी समुदाय के लोग हैं। एससी एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पहले भी था, आज भी है और आगे भी रहेगा। लेकिन हमारे लिए एक और स्पष्ट बात यह भी है कि हम धर्म के आधार पर मुसलमानों के आरक्षण के सख्त खिलाफ हैं। कांग्रेस आज चुनाव से भागती नजर आ रही है। उसके कई बड़े नेता चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे। कांग्रेस को कई सीटों पर उम्मीदवार तक खोजने में परेशानी हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बंगाल सरकार को संदेशखली और शाहजहां शेख के मामले में एक पक्ष बनने के आग्रह पर फटकार लगाए जाने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है। ममता बनर्जी महिला मुख्यमंत्री होते हुए ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही हैं जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार कर उनकी जमीनें हड़पने और उनका यौन उत्पीड़न करने का घृणित कार्य किया है। इससे पता चलता है कि वोटबैंक के लिए विपक्ष किसी भी हद तक गिरने को तैयार है। यही हाल कर्नाटक का है, जहां कांग्रेस के काउंसलर की बेटी की दिनदहाड़े हत्या कर दी जाती है पर तुष्टिकरण की राजनीति के चलते वहां की सरकार कुछ नहीं करती है।
अनुराग ठाकुर ने प्रज्वल रेवन्ना के आपत्तिजनक वीडियो मामले को बेहद शर्मनाक करार देते हुए कहा कि कानून को अपना काम कर कठोर कारवाई करनी चाहिए। कानून व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है। जिस समय पर यह वीडियो बाहर आए हैं उससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस के पास इन वीडियोज की जानकारी पहले से थी। तो फिर उन्होंने अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की? ऐसे मुद्दे का राजनीतिक लाभ क्यों उठाना चाहा? आखिर क्यों कांग्रेस की राज्य सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही? कांग्रेस को अपनी मजबूरियां बतानी चाहिए।