भारत रत्न भूपेन हजारिका की बहन संगीतकार सुदक्षिणा शर्मा का निधन
मुख्यमंत्री सरमा ने जताया शोक
Jul 3, 2023, 11:43 IST
गुवाहाटी, 03 जुलाई। भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका की छोटी बहन और प्रमुख संगीतकार सुदक्षिणा शर्मा का आज (सोमवार) सुबह 8:25 बजे निधन गया। वो लंबे समय से बीमार थीं। उन्होंने 89 आयु में गुवाहाटी मेडिकल कालेज ऐंड अस्पताल (जीएमसीएच) में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।
सुदक्षिणा शर्मा गीतकार और संगीतकार दिलीप शर्मा की पत्नी थीं। आठ अगस्त, 1934 को जन्मी सुदक्षिणा शर्मा का बचपन में नाम निरुपमा हजारिका था। घर पर हर कोई उन्हें क्वीन कहता था। रूपकोंवर ज्योतिप्रसाद अग्रवाल ने उन्हें क्वीन हजारिका नाम दिया था। उन्होंने पहली बार रेडियो पर क्वीन हजारिका के नाम से ही गीत गाया था। शादी होने के बाद ससुर दीनानाथ शर्मा ने विनम्र और मुस्कुराते हुए स्वभाव के कारण उनका नाम सुदक्षिणा रख दिया। तब से उन्हें सुदक्षिणा शर्मा के नाम से जाना जाने लगा।
कुलीन परिवार में जन्मीं सुदक्षिणा शर्मा बचपन में ज्योति प्रसाद अग्रवाल, बिष्णुप्रसाद अग्रवाल, फणी शर्मा जैसे लोगों के संपर्क में आईं। वह महज दस साल की थीं, तब कोलकत्ता में बिष्णु प्रसाद राभा की देखरेख में कमलनारायण चौधरी के साथ अपनी आवाज में चार गाने रिकॉर्ड किए। इनमें 'विश्वरे संदे संदे...' और 'ओ मोइना...' प्रमुख हैं। उन्होंने 1947 में महात्मा गांधी के असम आगमन पर पानबाजार के जुबली गार्डन में 'ऐ जय रघु नंदन...' गाया था। 2002 में सुदक्षिणा शर्मा को पति दिलीप शर्मा के साथ संगीत के क्षेत्र में अग्रणी योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है- 'असम की सांस्कृतिक दुनिया की प्रमुख सितारा और प्रमुख संगीतकार सुदक्षिणा शर्मा के निधन से दुख हुआ है। असमिया संगीत को समृद्ध करने वालीं शर्मा का निधन राज्य के सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।' सुदक्षिणा शर्मा के निधन पर पूरे असम के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों के लोगों ने भी शोक व्यक्त किया है।
सुदक्षिणा शर्मा गीतकार और संगीतकार दिलीप शर्मा की पत्नी थीं। आठ अगस्त, 1934 को जन्मी सुदक्षिणा शर्मा का बचपन में नाम निरुपमा हजारिका था। घर पर हर कोई उन्हें क्वीन कहता था। रूपकोंवर ज्योतिप्रसाद अग्रवाल ने उन्हें क्वीन हजारिका नाम दिया था। उन्होंने पहली बार रेडियो पर क्वीन हजारिका के नाम से ही गीत गाया था। शादी होने के बाद ससुर दीनानाथ शर्मा ने विनम्र और मुस्कुराते हुए स्वभाव के कारण उनका नाम सुदक्षिणा रख दिया। तब से उन्हें सुदक्षिणा शर्मा के नाम से जाना जाने लगा।
कुलीन परिवार में जन्मीं सुदक्षिणा शर्मा बचपन में ज्योति प्रसाद अग्रवाल, बिष्णुप्रसाद अग्रवाल, फणी शर्मा जैसे लोगों के संपर्क में आईं। वह महज दस साल की थीं, तब कोलकत्ता में बिष्णु प्रसाद राभा की देखरेख में कमलनारायण चौधरी के साथ अपनी आवाज में चार गाने रिकॉर्ड किए। इनमें 'विश्वरे संदे संदे...' और 'ओ मोइना...' प्रमुख हैं। उन्होंने 1947 में महात्मा गांधी के असम आगमन पर पानबाजार के जुबली गार्डन में 'ऐ जय रघु नंदन...' गाया था। 2002 में सुदक्षिणा शर्मा को पति दिलीप शर्मा के साथ संगीत के क्षेत्र में अग्रणी योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है- 'असम की सांस्कृतिक दुनिया की प्रमुख सितारा और प्रमुख संगीतकार सुदक्षिणा शर्मा के निधन से दुख हुआ है। असमिया संगीत को समृद्ध करने वालीं शर्मा का निधन राज्य के सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।' सुदक्षिणा शर्मा के निधन पर पूरे असम के साथ-साथ सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों के लोगों ने भी शोक व्यक्त किया है।