कंबोडिया के राजा का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत
May 30, 2023, 12:26 IST
नई दिल्ली, 30 मई। कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी का आज सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया। उनके सम्मान में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। राजा सिहामोनी भारत की अपनी पहली तीन दिवसीय आधिकारिक राजकीय यात्रा पर कल नई दिल्ली पहुंचे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी से परिचय भी कराया। इसके बाद राजा नोरोडोम सिहामोनी ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
आज राजा से पहले विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और बाद में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मिलने जाएंगे। इसके बाद शाम को राजा की प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात होगी। इसके बाद वह राष्ट्रपति मुर्मू से मिलेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी की आगामी यात्रा भारत और कंबोडिया के बीच सभ्यतागत संबंधों को और मजबूत और गहरा करेगी। भारत कंबोडिया को मंदिरों के जीर्णोद्धार और लैंडमाइंस हटाने में सहायता कर रहा है।
मंत्रालय के अनुसार उनकी राजकीय यात्रा भारत और कंबोडिया के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के समारोह की परिणति का प्रतीक है, जो 1952 में स्थापित हुए थे। कंबोडिया के राजा की यह यात्रा लगभग छह दशक बाद हो रही है। इससे पहले उनके पिता 1963 में भारत आए थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी से परिचय भी कराया। इसके बाद राजा नोरोडोम सिहामोनी ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
आज राजा से पहले विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर और बाद में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मिलने जाएंगे। इसके बाद शाम को राजा की प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात होगी। इसके बाद वह राष्ट्रपति मुर्मू से मिलेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार कंबोडिया के राजा नोरोडोम सिहामोनी की आगामी यात्रा भारत और कंबोडिया के बीच सभ्यतागत संबंधों को और मजबूत और गहरा करेगी। भारत कंबोडिया को मंदिरों के जीर्णोद्धार और लैंडमाइंस हटाने में सहायता कर रहा है।
मंत्रालय के अनुसार उनकी राजकीय यात्रा भारत और कंबोडिया के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ के समारोह की परिणति का प्रतीक है, जो 1952 में स्थापित हुए थे। कंबोडिया के राजा की यह यात्रा लगभग छह दशक बाद हो रही है। इससे पहले उनके पिता 1963 में भारत आए थे।