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केंद्र ने नेफेड, एनसीसीएफ को आंध्र, कर्नाटक से टमाटर खरीदने का निर्देश दिया

 
केंद्र ने नेफेड, एनसीसीएफ को आंध्र, कर्नाटक से टमाटर खरीदने का निर्देश दिया
नई दिल्ली, 12 जुलाई। केंद्र सरकार ने टमाटर की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीदने और उन्हें दिल्ली-एनसीआर सहित प्रमुख केंद्रों में वितरित करने का निर्देश दिया है, जहां पिछले एक महीने में कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि टमाटर का स्टॉक इस सप्ताह शुक्रवार तक दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। वितरण के लिए लक्षित केंद्रों की पहचान पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में अधिकतम वृद्धि के आधार पर की गई है, जहां कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर हैं। राज्यों में टमाटर की खपत वाले मुख्य केंद्रों की पहचान की गई है। इन केंद्रों की पहचान पुख्ता कर उन्हें आगे की कार्यवाही के लिए चिह्नित किया गया है।

भारत में टमाटर का उत्पादन अलग-अलग मात्रा में लगभग सभी राज्यों में होता है। अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो अखिल भारतीय उत्पादन में 56 प्रतिशत से 58 प्रतिशत का योगदान देते हैं। अधिशेष उत्पादन राज्य होने के कारण दक्षिणी और पश्चिमी राज्य, उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों को इसकी आपूर्ति करते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीज़न भी अलग-अलग होते हैं। कटाई का मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है। जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर का मौसम आमतौर पर टमाटर के लिए कम उत्पादन का मौसम होता है। जुलाई के साथ-साथ मानसून के कारण वितरण संबंधी चुनौतियां और बढ़ जाती हैं और माल ढुलाई में हानि से कीमतों में बढ़ोतरी होती है। बुवाई और कटाई के मौसम का चक्र और विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन की मौसमी-भिन्नता टमाटर की कीमतों में मौसमी उतार-चढ़ाव के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। सामान्य मूल्य के अलावा, मौसम का प्रभाव, अस्थायी आपूर्ति शृंखला व्यवधान और प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की क्षति आदि अक्सर कीमतों में अचानक वृद्धि का कारण बनती है।

वर्तमान में गुजरात, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में टमाटर की आवक ज्यादातर महाराष्ट्र, विशेषकर सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है, जो इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश की मदनपल्ले (चित्तूर) से भी उचित मात्रा में आवक जारी है। दिल्ली एनसीआर में टमाटर की आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है और कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है। नासिक ज़िले से जल्द ही नई फसल की आवक होने की उम्मीद है। इसके अलावा अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट से अतिरिक्त आपूर्ति आने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है। परिणामस्वरूप निकट भविष्य में टमाटर की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।