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पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह के आवास पर पीएमएलए मामले में की गई है छापेमारी

  प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू, कठुआ और पठानकोट में आठ जगहों पर की छापेमारी 
 
  प्रवर्तन निदेशालय ने जम्मू, कठुआ और पठानकोट में आठ जगहों पर की छापेमारी
जम्मू, 17 अक्टूबर  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री एवं सांसद चौधरी लाल सिंह के आवास सहित जम्मू, कठुआ और पठानकोट में आठ जगहों पर छापेमारी की जा रही है। मंगलवार को यह छापेमारी रेड आरबी एजुकेशनल ट्रस्ट के खिलाफ दर्ज पीएमएलए मामले में की गई है। इस ट्रस्ट की अध्यक्ष लाल सिंह की पत्नी कांता अंदोत्रा हैं।
ईडी का आरोप है कि साजिश के तहत ट्रस्ट को 329 कनाल भूमि का आवंटन किया था। सीबीआई ने 12 सितंबर 2020 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है और उसी के तहत यह छापेमारी की जा रही है। ट्रस्ट की चेयर पर्सन कांता अंदोत्रा से जुड़े ठिकानों पर ईडी की छापेमारी हो रही है। ट्रस्ट के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने इस काम को अंजाम देने के लिए जिले के राजस्व और वन अधिकारियों को रिश्वत दी थी, ताकि वे वन्य भूमि की खरीददारी करवाएं। इस मामले में सीबीआई भी कार्रवाई कर चुकी है।
जम्मू के शास्त्री नगर में नायब तहसीलदार रविंद्र सिंह, मीरां साहब में एडवोकेट अशीष कोतवाल समेत जम्मू के गुलशन ग्राउंड के नजदीक एक घर पर भी एजेंसी की टीम पहुंची हुई है। इस कार्रवाई का मंत्री के समर्थकों ने विरोध जताया है।
चौधरी लाल सिंह पहली बार 1986 में कठुआ की बसोहली सीट से कांग्रेस टिकट पर विधायक बने थे। 2002 में भी वह यहां से जीते और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। 2004 और 2009 में कठुआ-उधमपुर की सीट से जीत कर लोकसभा पहुंचे। साल 2014 में कांग्रेस की तरफ से टिकट न मिलने के कारण वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और बसोहली से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज कर एक बार फिर मंत्री बने। 2018 में कठुआ में 9 साल की बच्ची के दुष्कर्म और हत्या का मामले में एक रैली में शामिल होने पर विवाद के परिणामस्वरूप लाल सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्होंने खुद की पार्टी बनाई है, जिसे डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी का नाम दिया गया है।