पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआई
Dec 27, 2025, 12:51 IST

नई दिल्ली, 27 दिसंबर । उन्नाव रेप मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को ट्रायल कोर्ट की ओर से मिली उम्रकैद की सजा पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर को पूर्व विधायक की सजा पर रोक लगाते हुए जमानत दी थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका के लंबित रहने के दौरान सजा को निलंबित रखने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने कुलदीप सिंह सेंगर को आदेश दिया था कि वो जमानत के दौरान दिल्ली में ही रहे और पीड़िता के निवास से पांच किलोमीटर दूर रहे।
तीस हजारी कोर्ट ने 16 दिसंबर, 2019 रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही पूर्व विधायक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर समेत सभी 7 आरोपितों को भी 10-10 साल की कैद और 10-10 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी। 4 जून, 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
पीड़िता से रेप के मामले में 20 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने पूर्व भाजपा विधायक सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 23 दिसंबर को पूर्व विधायक की सजा पर रोक लगाते हुए जमानत दी थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका के लंबित रहने के दौरान सजा को निलंबित रखने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने कुलदीप सिंह सेंगर को आदेश दिया था कि वो जमानत के दौरान दिल्ली में ही रहे और पीड़िता के निवास से पांच किलोमीटर दूर रहे।
तीस हजारी कोर्ट ने 16 दिसंबर, 2019 रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही पूर्व विधायक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया था। तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर समेत सभी 7 आरोपितों को भी 10-10 साल की कैद और 10-10 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी।
रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी। 4 जून, 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।
पीड़िता से रेप के मामले में 20 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने पूर्व भाजपा विधायक सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

