नई दिल्ली से पत्रकार ऊषा माहना की कलम से।
Apr 13, 2025, 14:29 IST

जजों ने संसद के कानून को मानने की शपथ ली है। सबकी राय लेकर राष्ट्रपति द्वारा बनाये कानूनों में खोट निकालना जजों का काम नहीं- हिन्दू संगठन
हिन्दू महासभा भवन में आयोजित हिन्दू संगठनों ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश महामहिम राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन करके वक्फ संसोधन कानून में खोट निकालने जा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को यह समझना चाहिये कि सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाने वाले अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, असवुद्दीन ओवैसी सहित सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ याचिका लगाने वाले प्रत्येक व्यक्ति या संस्था से सरकार ने राय लेकर और उन पर विचार करने के बाद ही वक्फ संशोधन कानून को संसद ने बनाया। यहां तक की सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश सहित अन्य न्यायधीशों से भी इस कानून को बनाने से पहले राय मांगी गयी। इसी के साथ देश के प्रत्येक व्यक्ति से इस वक्फ संशोधन विधायक में राय मांगी गयी थी।
बैठक में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि सब की राय लेकर और गहन चर्चा करने के बाद ही वक्फ संशोधन कानून को संसद ने तय प्रक्रिया के तहत पारित किया और महामहिम राष्ट्रपति जी के हस्ताक्षर करने के बाद राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद अब इस पर चर्चा की कोई भी गुंजाइश नहीं रही है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों ने भारत के संविधान पर हाथ रख कर शपथ ली कि वो भारत सरकार के कानून की रक्षा करेंगे। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों और रजिस्ट्री को कोई हक नहीं है कि वो भारत सरकार के कानून को न मानकर उसमें खोट निकाले। जजों की भारत सरकार के कानून में खोट निकालने की मानसिकता देश के लिये घातक है। न ही जजों को शोभा देता है कि अपना सारा काम छोड़कर सर्वोच्च न्यायालय का कीमती समय बर्बाद करें।
बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के जज अपने आप को संविधान से उपर समझ चुके हैं। हमारे द्वारा श्री अभय श्रीनिवास ओक की कोर्ट में यह साबित करने के बाद कि दिवाली के पटाखों में कोई भी प्रदूषण नहीं होता। अपनी हिन्दू विरोधी मानसिकता के कारण दिवाली के पटाखों पर ईसाई जज आंगस्ट्रीन मसीह रोक लगा रहा है। वो भी भारत सरकार के विस्फोटक कानून 2008 का सरेआम उल्लंघन करके। ईसाई जज जोसफ सर्वोच्च न्यायालय के सूत्र वाक्य श्लोक ’’यतो धर्मस्य ततो जय’’ के खिलाफ बकवास करके संसद का अपमान करता है और जब मेरे जैसा कोई व्यक्ति सर्वोच्च नयायालय से कहता है कि आप भारत सरकार के कानून का पालन करो तो सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश श्री शरद अरविन्द बोबड़े मूलाधिकार अनुच्छेद 20.2 का उल्लंघन करके मुझ पर एक ही कथित अपराध में चार-चार मुकदमें दिलवाते है। यहां तक की मेरी हत्या की साजिश भी रचते हैं। उल्लेखनीय है कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायधीश शरद अरविन्द बोबड़े ने 18 जून 2020 को कोरोना का हवाला देकर भगवान जगन्नाथ की पुरी रथ यात्रा पर रोक लगायी थी तो पुलिस का कहना है कि 21 जून को रात्रि 12 बजे मेरे व्हाट्सअप से 1 संदेश चन्द लोगों को भेजा गया कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक लगाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश शरद अरविन्द बोबड़े को उसके घर पर जूते मारने चलना है। इस पर शरद अरविन्द बोबड़े और उसके सुरक्षा इंचार्ज के बी मारवाह ने मेरे खिलाफ थाना साउथ एवन्यू, नई दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराया। जहां थाने से ही जमानत मिल गयी तो इस गिरोह ने पूर्व मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा को साथ लेकर मेरे खिलाफ कटक, बालेश्वर और भद्रक में एक ही कथित अपराध में वकीलों के साथ मिलकर 4-4 मुकदमें दर्ज करा दिये। साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मुकदमें में भारत सरकार की सी आर पी सी की धारा 196 के तहत सरकार की अनुमति के बिना कोई भी मजिस्ट्रेट मुजरिम के खिलाफ मुकदमे पर संज्ञान नहीं ले सकता किन्तु मजिस्ट्रेटों ने कानून की अवज्ञा करके मुझे जेल भी भेजा। यहां तक कि इस गिरोह की ओड़िशा पुलिस 8 जुलाई 2020 को दिल्ली हवाई अड्डे पर मुझे अकेला छोड़कर तितर बितर हो गयी ताकि मैं भागू तो मुझे गोली मारकर मेरी हत्या कर दी जाये। मुझे पक्का यकीन है कि मरी हत्या की साजिश सर्वोच्च न्यायालय के सुरक्षा इंचार्ज के बी मारवाह के द्वारा रची जा रही थी। इसी 3 अप्रैल को भी जब मैं सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट नं 4 के बाहर एम सी मेहता मामले में पटाखों के समर्थन में अपना पक्ष रखने के लिये पास बनवाकर खड़ा था तो के बी मारवाह ने अपने अधीनस्थ डी सी पी स्तर के किसी अधिकारी को भेजा जिसने न केवल मुझे कोर्ट में जाने से रोका बल्कि मेरा भगवा पटका भी जबरदस्ती उतरवा कर मुझे अपमानित किया। यह सब सर्वोच्च न्यायालय में नक्सली ईसाई आतंकवादी देशद्रोही गिरोह के वर्चस्व को बनाये रखने के लिये किया जा रहा है ताकि यह गिरोह यहां से हिन्दू विरोधी मुहिम चलाने में कामयाब बना रहे।
हिन्दू संगठनों ने महामहिम उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह, केन्द्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, संसदीय कार्य मंत्री सहित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल और सी बी आई निदेशक से भी अनुरोध किया कि सर्वोच्च न्यायालय में वहां के सुरक्षा इंचार्ज के बी मारवाह की अगुवाई में चल रहे इस राष्ट्र विरोधी नक्सली आतंकवाद समर्थक गिरोह के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करे।
हिन्दू महासभा भवन में आयोजित हिन्दू संगठनों ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश महामहिम राष्ट्रपति द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन करके वक्फ संसोधन कानून में खोट निकालने जा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को यह समझना चाहिये कि सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाने वाले अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, असवुद्दीन ओवैसी सहित सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ याचिका लगाने वाले प्रत्येक व्यक्ति या संस्था से सरकार ने राय लेकर और उन पर विचार करने के बाद ही वक्फ संशोधन कानून को संसद ने बनाया। यहां तक की सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश सहित अन्य न्यायधीशों से भी इस कानून को बनाने से पहले राय मांगी गयी। इसी के साथ देश के प्रत्येक व्यक्ति से इस वक्फ संशोधन विधायक में राय मांगी गयी थी।
बैठक में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुन्ना कुमार शर्मा ने कहा कि सब की राय लेकर और गहन चर्चा करने के बाद ही वक्फ संशोधन कानून को संसद ने तय प्रक्रिया के तहत पारित किया और महामहिम राष्ट्रपति जी के हस्ताक्षर करने के बाद राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद अब इस पर चर्चा की कोई भी गुंजाइश नहीं रही है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों ने भारत के संविधान पर हाथ रख कर शपथ ली कि वो भारत सरकार के कानून की रक्षा करेंगे। ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों और रजिस्ट्री को कोई हक नहीं है कि वो भारत सरकार के कानून को न मानकर उसमें खोट निकाले। जजों की भारत सरकार के कानून में खोट निकालने की मानसिकता देश के लिये घातक है। न ही जजों को शोभा देता है कि अपना सारा काम छोड़कर सर्वोच्च न्यायालय का कीमती समय बर्बाद करें।
बैठक में दारा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुकेश जैन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के जज अपने आप को संविधान से उपर समझ चुके हैं। हमारे द्वारा श्री अभय श्रीनिवास ओक की कोर्ट में यह साबित करने के बाद कि दिवाली के पटाखों में कोई भी प्रदूषण नहीं होता। अपनी हिन्दू विरोधी मानसिकता के कारण दिवाली के पटाखों पर ईसाई जज आंगस्ट्रीन मसीह रोक लगा रहा है। वो भी भारत सरकार के विस्फोटक कानून 2008 का सरेआम उल्लंघन करके। ईसाई जज जोसफ सर्वोच्च न्यायालय के सूत्र वाक्य श्लोक ’’यतो धर्मस्य ततो जय’’ के खिलाफ बकवास करके संसद का अपमान करता है और जब मेरे जैसा कोई व्यक्ति सर्वोच्च नयायालय से कहता है कि आप भारत सरकार के कानून का पालन करो तो सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश श्री शरद अरविन्द बोबड़े मूलाधिकार अनुच्छेद 20.2 का उल्लंघन करके मुझ पर एक ही कथित अपराध में चार-चार मुकदमें दिलवाते है। यहां तक की मेरी हत्या की साजिश भी रचते हैं। उल्लेखनीय है कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायधीश शरद अरविन्द बोबड़े ने 18 जून 2020 को कोरोना का हवाला देकर भगवान जगन्नाथ की पुरी रथ यात्रा पर रोक लगायी थी तो पुलिस का कहना है कि 21 जून को रात्रि 12 बजे मेरे व्हाट्सअप से 1 संदेश चन्द लोगों को भेजा गया कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक लगाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश शरद अरविन्द बोबड़े को उसके घर पर जूते मारने चलना है। इस पर शरद अरविन्द बोबड़े और उसके सुरक्षा इंचार्ज के बी मारवाह ने मेरे खिलाफ थाना साउथ एवन्यू, नई दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराया। जहां थाने से ही जमानत मिल गयी तो इस गिरोह ने पूर्व मुख्य न्यायधीश दीपक मिश्रा को साथ लेकर मेरे खिलाफ कटक, बालेश्वर और भद्रक में एक ही कथित अपराध में वकीलों के साथ मिलकर 4-4 मुकदमें दर्ज करा दिये। साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मुकदमें में भारत सरकार की सी आर पी सी की धारा 196 के तहत सरकार की अनुमति के बिना कोई भी मजिस्ट्रेट मुजरिम के खिलाफ मुकदमे पर संज्ञान नहीं ले सकता किन्तु मजिस्ट्रेटों ने कानून की अवज्ञा करके मुझे जेल भी भेजा। यहां तक कि इस गिरोह की ओड़िशा पुलिस 8 जुलाई 2020 को दिल्ली हवाई अड्डे पर मुझे अकेला छोड़कर तितर बितर हो गयी ताकि मैं भागू तो मुझे गोली मारकर मेरी हत्या कर दी जाये। मुझे पक्का यकीन है कि मरी हत्या की साजिश सर्वोच्च न्यायालय के सुरक्षा इंचार्ज के बी मारवाह के द्वारा रची जा रही थी। इसी 3 अप्रैल को भी जब मैं सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट नं 4 के बाहर एम सी मेहता मामले में पटाखों के समर्थन में अपना पक्ष रखने के लिये पास बनवाकर खड़ा था तो के बी मारवाह ने अपने अधीनस्थ डी सी पी स्तर के किसी अधिकारी को भेजा जिसने न केवल मुझे कोर्ट में जाने से रोका बल्कि मेरा भगवा पटका भी जबरदस्ती उतरवा कर मुझे अपमानित किया। यह सब सर्वोच्च न्यायालय में नक्सली ईसाई आतंकवादी देशद्रोही गिरोह के वर्चस्व को बनाये रखने के लिये किया जा रहा है ताकि यह गिरोह यहां से हिन्दू विरोधी मुहिम चलाने में कामयाब बना रहे।
हिन्दू संगठनों ने महामहिम उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह, केन्द्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, संसदीय कार्य मंत्री सहित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल और सी बी आई निदेशक से भी अनुरोध किया कि सर्वोच्च न्यायालय में वहां के सुरक्षा इंचार्ज के बी मारवाह की अगुवाई में चल रहे इस राष्ट्र विरोधी नक्सली आतंकवाद समर्थक गिरोह के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करे।