स्वास्थ सेवा के लिए बजट बढ़कर 99 हजार करोड़ पहुंचाः नड्डा
Mar 19, 2025, 20:51 IST

नई दिल्ली, 19 मार्च केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में दावा किया कि स्वास्थ्य सेवा पर सरकार का खर्च का सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी धीरे-धीरे 2.5 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि 2013-14 में स्वास्थ्य सेवा के लिए बजट 38000 करोड़ रुपये था, जो अब 99,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया ।
बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 2013-14 में स्वास्थ्य सेवा के लिए धन का आवंटन लगभग 38000 करोड़ रुपये था जो वर्तमान में 99,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2014 से 2025 के बीच कुल 22 एम्स बने हैं। उससे पहले यूपीए के 10 साल में केवल एक एम्स खोला गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1960 में पहला एम्स खोला था और तब से लेकर 1998 तक एक भी एम्स नहीं खोला गया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र में सरकार बनी तो 6 एम्स खोले गए लेकिन उसके बाद 10 साल के संप्रग के कार्यकाल में सिर्फ एक एम्स रायबरेली में खोला गया। देशभर में अभी 15000 जन औषधि केंद्र हैं जबकि इस साल 5,000 और दो साल के अंदर 25,000 केंद्र खोले जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 2013-14 में सरकारी स्वास्थ्य व्यय 1.15 प्रतिशत था और जब स्वास्थ्य नीति प्रतिपादित की गई थी तब यह 1.35 प्रतिशत था। अब यह जीडीपी का 1.84 प्रतिशत है। हम धीरे-धीरे 2.5 प्रतिशत की ओर बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में 2025 तक जीडीपी के हिस्से के रूप में सरकारी स्वास्थ्य व्यय को बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है। नड्डा ने कहा कि भारत आज टीवी मुक्त होने की दिशा में अग्रसर है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह नीतियों और उसके क्रियान्वयन के फर्क को दर्शाता है। नड्डा ने सदन को बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु केंद्र के बाद जम्मू, बेंगलुरु, डिब्रूगढ़ और जबलपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी खोला जाएगा।
बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 2013-14 में स्वास्थ्य सेवा के लिए धन का आवंटन लगभग 38000 करोड़ रुपये था जो वर्तमान में 99,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2014 से 2025 के बीच कुल 22 एम्स बने हैं। उससे पहले यूपीए के 10 साल में केवल एक एम्स खोला गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1960 में पहला एम्स खोला था और तब से लेकर 1998 तक एक भी एम्स नहीं खोला गया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की केंद्र में सरकार बनी तो 6 एम्स खोले गए लेकिन उसके बाद 10 साल के संप्रग के कार्यकाल में सिर्फ एक एम्स रायबरेली में खोला गया। देशभर में अभी 15000 जन औषधि केंद्र हैं जबकि इस साल 5,000 और दो साल के अंदर 25,000 केंद्र खोले जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 2013-14 में सरकारी स्वास्थ्य व्यय 1.15 प्रतिशत था और जब स्वास्थ्य नीति प्रतिपादित की गई थी तब यह 1.35 प्रतिशत था। अब यह जीडीपी का 1.84 प्रतिशत है। हम धीरे-धीरे 2.5 प्रतिशत की ओर बढ़ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में 2025 तक जीडीपी के हिस्से के रूप में सरकारी स्वास्थ्य व्यय को बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है। नड्डा ने कहा कि भारत आज टीवी मुक्त होने की दिशा में अग्रसर है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह नीतियों और उसके क्रियान्वयन के फर्क को दर्शाता है। नड्डा ने सदन को बताया कि पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु केंद्र के बाद जम्मू, बेंगलुरु, डिब्रूगढ़ और जबलपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी खोला जाएगा।

