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बुद्धम शरणम् गच्छामी' प्रदर्शनी का शुभारंभ, 10 जून तक चलेगी प्रदर्शनी

 
बुद्धम शरणम् गच्छामी' प्रदर्शनी का शुभारंभ, 10 जून तक चलेगी प्रदर्शनी

नई दिल्ली, 11 मई। केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने गुरूवार को राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (एनजीएमए) में ‘बुद्धम शरणम् गच्छामी’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी का उद्देश्य कला में निहित आध्यात्मिकता और बौद्ध धर्म से संबंधित विभिन्न तत्वों के बारे में एक अन्वेषण और उसकी यात्रा के बारे में पता लगाना है, जो ज्ञान, करुणा और शांति के सार्वभौमिक मूल्यों की अभिव्यक्ति है। इस अवसर पर ड्रेपुंग गोमांग मठ के प्रमुख कुंडेलिंग तत्सक रिनपोछे मुख्य अतिथि थे। इसके साथ वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं, राजदूतों और कई राजनयिक भी मौजूद थे।

भगवान बुद्ध के जीवन पर आधारित इस प्रदर्शनी में विश्व भर में बौद्ध कला और संस्कृति की यात्रा प्रदर्शित की गई है। आधुनिक भारतीय कला के प्रतिष्ठित कला-मर्मज्ञों की विलक्षण कृतियों को प्रदर्शित किया गया है, इन्हें विभिन्न वर्गो में विभाजित किया गया है। प्रत्येक कलाकृति बौद्ध धर्म और बुद्ध के जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं। ये कलाकृतियां बौद्ध धर्म के इतिहास और दर्शन की झलक प्रस्तुत करती हैं।

प्रदर्शनी में श्रीलंका और म्यांमार जैसे देशों की पेंटिंग्स को दिखाया गया है जो यह बताती है कि किस प्रकार बौद्ध धर्म का विभिन्न देशों में प्रसार हुआ। प्रतिष्ठित भारतीय कलाकार नंदलाल बोस ने बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं और उनकी आध्यात्मिकता के मार्ग को रेखा चित्रों के माध्यम से एक अलौकिक गुणवत्ता के साथ खोजा है। निकोलस रोरिक और बीरेश्वर सेन की कृतियों में पर्वतराज हिमालय अपने वास्तविक सौंदर्य का बोध कराता है। यह प्रदर्शनी 10 जून तक चलेगी।

इस अवसर पर कई देशों के मिशन प्रमुख और अनुयायी उपस्थित थे। इसमें बौद्ध धर्म के वर्चस्व वाले विभिन्न देशों - नेपाल, म्यांमार, मंगोलिया, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, भूटान के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डेनमार्क, ग्रीस, लग्जमबर्ग, जमैका, पुर्तगाल, जॉर्जिया, आइसलैंड, इक्वाडोर, सीरिया, पेरू के अतिरिक्त कई अन्य देशों के वरिष्ठ राजनयिक भी इस अवसर पर मौजूद रहे।