केन्द्र सरकार के अध्यादेश का भाजपा ने किया स्वागत
कहा- दिल्ली में गुंडागर्दी नहीं करने दी जा सकती
May 20, 2023, 12:56 IST
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नई दिल्ली, 20 मई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का स्वागत किया है। शनिवार को इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि शुक्रवार को जो ऑर्डिनेंस आया है, उसका भाजपा स्वागत करती है। यह दिल्ली की गरिमा और जनता के हितों की रक्षा के लिए जरूरी था। अरविंद केजरीवाल हमेशा असली मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं। लड़ने, झगड़ने और धरने देने का केजरीवाल का रवैया अभी तक नहीं बदला है। वे मुख्यमंत्री होने के बाद भी आंदोलनजीवी की तरह काम कर रहे हैं। वह टकराव की राजनीति करते हैं।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन इसके बाद जिस तरह से गुंडागर्दी की जा रही थी, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आड़ में केजरीवाल गुंडागर्दी कर रहे थे। उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। आधी रात को अधिकारियों के दफ्तरों के ताले तोड़े गए और अहम फाइलें गायब की गईं। केजरीवाल बताएं कि उन्होंने जनता के पैसे से अपना राजमहल बनाने पर क्यों बर्बाद किए।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया है और यह केंद्र बनाम दिल्ली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर- नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। पहले इस पर उपराज्यपाल फैसला लेते थे। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया । केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर राष्ट्रीय राजधानी सेवा प्राधिकरण की स्थापना की है। यह अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग, विजिलेंस और प्रासंगिक मामलों से संबंधित मामलों के संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल को सिफारिशें देगा। इन सिफारिशों के आधार पर उपराज्यपाल फैसला करेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। फैसला बहुमत पर होगा। अंतिम फैसला लेने का अधिकार उपराज्यपाल के पास होगा।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन इसके बाद जिस तरह से गुंडागर्दी की जा रही थी, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आड़ में केजरीवाल गुंडागर्दी कर रहे थे। उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। आधी रात को अधिकारियों के दफ्तरों के ताले तोड़े गए और अहम फाइलें गायब की गईं। केजरीवाल बताएं कि उन्होंने जनता के पैसे से अपना राजमहल बनाने पर क्यों बर्बाद किए।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया है और यह केंद्र बनाम दिल्ली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर- नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था। पहले इस पर उपराज्यपाल फैसला लेते थे। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया । केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर राष्ट्रीय राजधानी सेवा प्राधिकरण की स्थापना की है। यह अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग, विजिलेंस और प्रासंगिक मामलों से संबंधित मामलों के संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल को सिफारिशें देगा। इन सिफारिशों के आधार पर उपराज्यपाल फैसला करेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। फैसला बहुमत पर होगा। अंतिम फैसला लेने का अधिकार उपराज्यपाल के पास होगा।