Pal Pal India

दिग्विजय के ट्वीट पर भाजपा की चुटकी, कहा-राहुल गांधी की राजनीतिक समझ पर उठायी है उंगली ​​​​​​​

 
 दिग्विजय के ट्वीट पर भाजपा की चुटकी, कहा-राहुल गांधी की राजनीतिक समझ पर उठायी है उंगली ​​​​​​​
 नई दिल्ली, 27 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की एक पुरानी तस्वीर को लेकर बयान पर चुटकी ली है और कहा है कि इस ट्वीट से दिग्विजय सिंह ने अपने नेता राहुल गांधी की राजनीतिक समझ पर उंगली उठायी है क्योंकि शायद उनको अहसास गया है कि राहुल गांधी कांग्रेस को ऊपर की बजाय नीचे ले जा रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस कार्य समिति में सदस्य दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि इस ट्वीट में भाजपा की बड़ी प्रसिद्ध तस्वीर है, जिसमें आडवाणी जी ऊपर कुर्सी पर बैठे हुए हैं और उस समय युवा कार्यकर्ता रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीचे बैठे हुए हैं। यह भाजपा की कार्यशैली का एक प्रतीक है कि धरातल से जुड़ा हुआ व्यक्ति किस प्रकार अपनी प्रतिभा, क्षमता और संगठन के सहयोग से शीर्ष स्तर तक पहुंचकर भारत के सबसे लोकप्रिय तथा विश्व के सबसे लोकप्रिय नेतृत्व के रूप में उभरने में सफल होता है।
त्रिवेदी ने कहा कि कहीं न कहीं दिग्विजय सिंह अब बहुत वरिष्ठ हो चुके हैं, राजनीति को लंबे समय से देख रहे हैं तो संभव है कि उन्हें इस बात का एहसास हुआ हो, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी गुदड़ी के लाल हैं और कांग्रेस का नेतृत्व 'जवाहर के लाल 'से तुलना योग्य नहीं है।
कांग्रेस का नेतृत्व 'जवाहर के लाल' हैं। तो, वह अस्त व्यस्त हैं, इसलिए अपनी पार्टी को ऊपर से नीचे लेकर आए हैं।
त्रिवेदी ने कहा, " प्रधानमंत्री मोदी 'गुदड़ी के लाल हैं। वे नीचे से ऊपर उठे हैं, तो पार्टी को भी नीचे से ऊपर ले जा रहे हैं। अब राहुल गांधी नीचे की ओर जा चुके हैं, इसलिए अपनी पार्टी को भी नीचे की ओर ले आए हैं।"
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की समझ के विषय में सवाल केवल दिग्विजय सिंह ने नहीं उठाया है, अमेरिका के दो बार राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने अपनी पुस्तक ‘द प्रॉमिस्ड लैंड’ के अध्याय 24 में लिखा है कि राहुल गांधी एक ऐसे छात्र हैं जो अपने शिक्षक को प्रभावित करने की छटपटाहट में बहुत कुछ भावभंगिमा तो दिखा रहे हैं, पर उनमें वास्तविक ज्ञान और गंभीरता का अभाव है। सत्ता के बगैर कांग्रेस छटपटा रही है और 2024 के बाद तो वह छटपटाहट, तड़फड़ाहट में बदल गई है।