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भाजपा सांसदों को 124 करोड़ रुपये का मिला फंड, 81 करोड़ नहीं किए खर्च-आम आदमी पार्टी​​​​​​​

 
 भाजपा सांसदों को 124 करोड़ रुपये का मिला फंड, 81 करोड़ नहीं किए खर्च-आम आदमी पार्टी​​​​​​​
 नई दिल्ली, 20 मई आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा के सासंदों ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडी) के तहत आवंटित राशि को दिल्ली के विकास कार्यों पर खर्च नहीं किया। पार्टी ने दावा किया कि दिल्ली के सातों भाजपा सांसदों को 124 करोड़ रुपये का फंड मिला लेकिन इसमें से इन्होंने 81 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं किए। इस रकम को इन्होंने बर्बाद कर दिया।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा हुए 2 महीने से ज्यादा हो गए हैं। लेकिन आज तक भाजपा ने ये नहीं बताया कि 10 साल में भाजपा के सातों सांसदों ने दिल्ली के लोगों के लिए क्या काम किए। इससे पता चलता है कि इन्होंने काम नहीं किए हैं।
जस्मीन शाह ने केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ सैटेटिस्टिक एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन विभाग से मिले पिछले पांच साल के आंकड़े दिखाते हुए बताया कि 2019 से 2024 के बीच में दिल्ली के सातों सांसदों को कुल 124 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। जिसमें भाजपा के सांसदों से 124 करोड़ रुपये में से 81 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए। यानि 66 फीसद या दो तिहाई पैसा भाजपा के सांसदों ने बर्बाद किया।
उन्होंने कहा कि सातों सांसदों में से किसी एक का भी ट्रेक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। डॉ. हर्षवर्धन चांदनी चौक से सांसद थे, पिछले पांच सालो में उन्हें 22 करोड़ रुपये का बजट उन्हें लोगों की समस्याओं पर खर्च करने के लिए मिले थे, लेकिन उन्होंने केवल 7.5 करोड़ रुपये खर्च किए। पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर को 17 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जिसमें से उन्होंने केवल 7 करोड़ रुपये खर्च किए। मनोज तिवारी जिन्हें भाजपा ने इस बार दोबारा टिकट दिया है, उनको भी 17 करोड़ रुपये का बजट मिला था जिसमें से उन्होंने केवल 7 करोड़ रुपये खर्च किए। पश्चिमी दिल्ली से प्रवेश साहिब वर्मा को 17 करोड़ रुपये का बजट मिला लेकिन उन्होंने सिर्फ पांच करोड़ रुपये खर्च किए। हंस राज हंस, जो उत्तर पश्चिमी दिल्ली से सांसद थे, उन्हें भी 17 करोड़ रुपये का बजट मिला लेकिन उन्होंने भी केवल पांच करेड़ रुपये खर्च किए। रमेश बिधूड़ी दक्षिणी दिल्ली से सांसद थे, उन्हें भी 17 करोड़ रुपये का बजट मिला लेकिन उन्होने केवल 7 करोड़ रुपये खर्च किए। मिनाक्षी लेखी जो केंद्र में मंत्री भी रहीं, वो नई दिल्ली की सांसद थी। 17 करोड़ रुपये में से उन्होंने भी केवल 7 करोड़ रुपये ही खर्च किए।