मार्शलों के मुद्दे पर आतिशी का बयान एक नई नौटंकी: विजेंद्र गुप्ता
Nov 29, 2024, 19:21 IST
नई दिल्ली, 29 नवंबर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आज शुरू हुए दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार भारतीय जनता पार्टी पर अनर्गल आरोप लगाकर 10 हजार मार्शलों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के आदेश पर 10 हजार मार्शलों को बहाल किए जाने का झूठा श्रेय आम आदमी पार्टी के नेता लेना चाहते हैं।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि औरों का श्रेय लेकर अपनी पीठ थपथपाने की आआपा सरकार की पुरानी आदत रही है। उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा मार्शलों को निकालने के लिए भाजपा पर लगाया गये आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 10 हजार बस मार्शलों को नौकरी से निकालने का आदेश तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पिछले साल अक्टूबर में दिया गया था, जिसके बाद 31 अक्टूबर 2023 से सभी बस मार्शलों की सेवाएं बिना कारण बताये खत्म कर दी गई थीं। गुप्ता ने कहा कि आआपा पार्टी दूसरी पार्टियों से नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके उन्हें टिकट दे रही है तो वे भला किस मुंह से उन्हें ये आफर दे रहीं हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मार्शलों को नौकरी पर बहाल करने का मुद्दा भाजपा विधायकों द्वारा 27 सितंबर को विधानसभा सत्र में उठाया गया था और इस विषय में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसके बाद भाजपा विधायक दल ने 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था और मार्शलों की बहाली के वक्त एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के युवाओं को आरक्षण देने का भी निवेदन मुख्यमंत्री से किया था। इसके बाद अगले दिन पांच अक्टूबर को ही नेता प्रतिपक्ष और आतिशी की उपराज्यपाल के साथ मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली सरकार इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करेगी, जिसमें तीन विभागों फाइनैंस, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारी सदस्य होंगे और यह कमेटी 10 हजार मार्शलों को पक्का करने के बारे में एक ठोस योजना तैयार करेगी और उन्हें आरक्षण देने, उचित वित्तीय प्रबंधन करने, बजट आवंटन व रिक्रूटमेंट रूल्स जैसे सभी मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बावजूद आआपा सरकार ने जानबूझकर इस मामले में देरी की और कमेटी का गठन नहीं किया। क्योंकि वो चाहती ही नहीं थी कि ये मार्शल दुबारा से नौकरी पर रखे जाएं और उन्हें नियमित किया जाए।
गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायकों की पहल पर उपराज्यपाल ने दिल्ली की समस्या की गंभीरता को समझते हुए तुरंत एक्शन लिया और उन्हें चार महीने के लिए बहाल करने का आदेश दिल्ली सरकार को दिया। इसके बावजूद बड़े दुःख की बात है कि आज आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल के आदेश के बाद मार्शलों की बहाली का झूठ श्रेय लेने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के मार्शलों के साथ किया गया धोखा पूरे देश के सामने है। यह सरकार लगातार नौजवानों के सपनों को तोड़ने का काम कर रही है। आम आदमी पार्टी ने जनता के हर वर्ग को ठगने की आदत बना ली है, फिर चाहे वह शिक्षक हो, मार्शल हो या अन्य कोई कर्मचारी।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही भाजपा लोगों के कल्याण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनहितकारी योजनाओं को लागू करने के लिये पहले दिन से ही प्रयास शुरू कर देगी।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि औरों का श्रेय लेकर अपनी पीठ थपथपाने की आआपा सरकार की पुरानी आदत रही है। उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा मार्शलों को निकालने के लिए भाजपा पर लगाया गये आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 10 हजार बस मार्शलों को नौकरी से निकालने का आदेश तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पिछले साल अक्टूबर में दिया गया था, जिसके बाद 31 अक्टूबर 2023 से सभी बस मार्शलों की सेवाएं बिना कारण बताये खत्म कर दी गई थीं। गुप्ता ने कहा कि आआपा पार्टी दूसरी पार्टियों से नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके उन्हें टिकट दे रही है तो वे भला किस मुंह से उन्हें ये आफर दे रहीं हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मार्शलों को नौकरी पर बहाल करने का मुद्दा भाजपा विधायकों द्वारा 27 सितंबर को विधानसभा सत्र में उठाया गया था और इस विषय में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसके बाद भाजपा विधायक दल ने 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था और मार्शलों की बहाली के वक्त एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के युवाओं को आरक्षण देने का भी निवेदन मुख्यमंत्री से किया था। इसके बाद अगले दिन पांच अक्टूबर को ही नेता प्रतिपक्ष और आतिशी की उपराज्यपाल के साथ मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली सरकार इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करेगी, जिसमें तीन विभागों फाइनैंस, एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारी सदस्य होंगे और यह कमेटी 10 हजार मार्शलों को पक्का करने के बारे में एक ठोस योजना तैयार करेगी और उन्हें आरक्षण देने, उचित वित्तीय प्रबंधन करने, बजट आवंटन व रिक्रूटमेंट रूल्स जैसे सभी मुद्दों पर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बावजूद आआपा सरकार ने जानबूझकर इस मामले में देरी की और कमेटी का गठन नहीं किया। क्योंकि वो चाहती ही नहीं थी कि ये मार्शल दुबारा से नौकरी पर रखे जाएं और उन्हें नियमित किया जाए।
गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायकों की पहल पर उपराज्यपाल ने दिल्ली की समस्या की गंभीरता को समझते हुए तुरंत एक्शन लिया और उन्हें चार महीने के लिए बहाल करने का आदेश दिल्ली सरकार को दिया। इसके बावजूद बड़े दुःख की बात है कि आज आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल के आदेश के बाद मार्शलों की बहाली का झूठ श्रेय लेने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली के मार्शलों के साथ किया गया धोखा पूरे देश के सामने है। यह सरकार लगातार नौजवानों के सपनों को तोड़ने का काम कर रही है। आम आदमी पार्टी ने जनता के हर वर्ग को ठगने की आदत बना ली है, फिर चाहे वह शिक्षक हो, मार्शल हो या अन्य कोई कर्मचारी।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही भाजपा लोगों के कल्याण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनहितकारी योजनाओं को लागू करने के लिये पहले दिन से ही प्रयास शुरू कर देगी।