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अश्विनी वैष्णव ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का किया निरीक्षण

 
 अश्विनी वैष्णव ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का किया निरीक्षण
मुंबई, 23 फरवरी केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को मुंबई में विक्रोली और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में बुलेट ट्रेन निर्माण स्थलों का दौरा किया और चल रहे काम की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ विवेक कुमार गुप्ता, प्रबंध निदेशक/एनएचएसआरसीएल थे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मुंबई में पत्रकारों को बताया कि यह देश की पहली हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना है। ऐसे प्रोजेक्ट की डिज़ाइनिंग एक बेहद जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है लेकिन प्रौद्योगिकी, डिजाइन क्षमता और निर्माण पद्धति के बारे में समझना और सीखना परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है और 1969 से चली आ रही शिंकानसेन प्रणाली दुनिया भर में अपनी सुरक्षा के लिए जानी जाती है। भारत में इस प्रणाली के कार्यान्वयन से प्रणाली के बारे में ज्ञान का आधार तैयार हो रहा है। हमारा देश लगभग 140 करोड़ की आबादी वाला एक बड़ा देश है। एक करोड़ से अधिक आबादी वाले कई शहर मेगासिटी बनने जा रहे हैं। अगर हमें ऐसे शहरों को कम लागत, कम समय में समाधान उपलब्ध कराना है तो हमें हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी।
परियोजना के विवरण के बारे में विस्तार से बताते हुए मंत्री ने कहा कि आवश्यक अनुमति और मंजूरी मिलने के बाद, परियोजना का भौतिक निर्माण शुरू हो गया है और तेजी से आगे बढ़ रहा है। परियोजना को और गति देने के लिए कुछ नवाचार किए गए हैं। एक समय में केवल एक ही स्थान पर काम करने के बजाय, समानांतर रूप से चार स्थानों से काम शुरू हो गया है। यह लक्ष्य रखा गया है कि सूरत और बिलिमोरा के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का पहला खंड जुलाई/अगस्त 2026 में काम करना शुरू कर देगा। इसके बाद एक के बाद एक अन्य खंड खुलेंगे।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि समुद्र के नीचे की सुरंग, भारत में अपनी तरह की पहली, 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का हिस्सा है जो मुंबई एचएसआर से शुरू होगी और कल्याण सिलफाटा में निकलेगी। इसमें से 7 किलोमीटर का हिस्सा ठाणे क्रीक पर समुद्र के नीचे होगा। सबसे गहरा बिंदु लगभग 65 मीटर गहरा है। सुरंग 40 फीट चौड़ी होगी. सुरंग में दो लाइनें होंगी। एक अप लाइन और एक डाउन लाइन जिस पर हाईस्पीड रेल काम करेगी. सुरंग के अंदर भी ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।"