ड्रोन और 33 नई तकनीकों से लैस होगी सेना : लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा
Jul 3, 2025, 20:04 IST

शिमला, 3 जुलाई भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप भारतीय सेना अब खुद को आधुनिक बना रही है। युद्ध के बदलते स्वरूप को देखते हुए सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) वर्ष 2027 तक ड्रोन समेत 33 नई तकनीकों में जवानों को प्रशिक्षित करेगी। यह जानकारी सेना प्रशिक्षण कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम ने गुरूवार को शिमला में आयोजित आरट्रैक अलंकरण समारोह 2025 के दौरान दी।
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि आज युद्ध केवल पारंपरिक हथियारों से नहीं लड़े जाते, बल्कि तकनीक इसकी दिशा और परिणाम तय कर रही आरट्रैक द्वारा 15 प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को नई तकनीकों में विशेषज्ञता के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के लिए 390 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत 57 नई पहलें शुरू की गई हैं।
वर्ष 2024-25 में आरट्रैक ने 18,000 जवानों को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण दिया है। वर्ष 2025-26 में यह संख्या 21,000 तक पहुंचाने की योजना है। यह सभी प्रयास भारतीय सेना को 'भविष्य के लिए तैयार सेना' बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। महिलाओं की भागीदारी पर विशेष रूप से जोर देते हुए बताया कि वर्तमान में 1800 से अधिक महिलाएं सेना के विभिन्न रैंकों और क्षेत्रों में गर्व से अपनी सेवाएं दे रही हैं।
समारोह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन श्रेणी 'ए' प्रतिष्ठानों और दो संबद्ध इकाइयों को 'जीओसी-इन-सी सेना प्रशिक्षण कमान इकाई प्रशस्ति पत्र' से सम्मानित किया गया।
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि आज युद्ध केवल पारंपरिक हथियारों से नहीं लड़े जाते, बल्कि तकनीक इसकी दिशा और परिणाम तय कर रही आरट्रैक द्वारा 15 प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को नई तकनीकों में विशेषज्ञता के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के लिए 390 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत 57 नई पहलें शुरू की गई हैं।
वर्ष 2024-25 में आरट्रैक ने 18,000 जवानों को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण दिया है। वर्ष 2025-26 में यह संख्या 21,000 तक पहुंचाने की योजना है। यह सभी प्रयास भारतीय सेना को 'भविष्य के लिए तैयार सेना' बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। महिलाओं की भागीदारी पर विशेष रूप से जोर देते हुए बताया कि वर्तमान में 1800 से अधिक महिलाएं सेना के विभिन्न रैंकों और क्षेत्रों में गर्व से अपनी सेवाएं दे रही हैं।
समारोह के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन श्रेणी 'ए' प्रतिष्ठानों और दो संबद्ध इकाइयों को 'जीओसी-इन-सी सेना प्रशिक्षण कमान इकाई प्रशस्ति पत्र' से सम्मानित किया गया।

