बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में दलीलें पूरी
Updated: Feb 27, 2024, 19:33 IST
नई दिल्ली, 27 फरवरी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में मंगलवार को महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में दलीलें पूरी कर ली गईं। एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत ने मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को करने का आदेश दिया।
आज दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि अगर हम चाहते तो आरोपितों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती। इसका विरोध करते हुए बृजभूषण सिंह के वकील ने कहा कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती।
पहले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी। बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई। शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है। बृजभूषण की ओर से कहा गया कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कहा था कि विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है।
शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है। ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है।
कोर्ट ने 20 जुलाई, 2023 को बृजभूषण सिंह और सह आरोपित विनोद तोमर को जमानत दी थी। दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 7 जुलाई, 2023 को दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
आज दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि अगर हम चाहते तो आरोपितों के खिलाफ छह अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर सकते थे लेकिन इससे ट्रायल में देरी होती। इसका विरोध करते हुए बृजभूषण सिंह के वकील ने कहा कि अगर आरोपों में निरंतरता नहीं है तो अलग-अलग आरोपों में एक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती।
पहले की सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह की ओर से इस मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी। बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा था कि अपराध की सूचना देने में काफी देरी की गई। शिकायतकर्ता के बयानों में काफी विरोधाभास है। बृजभूषण की ओर से कहा गया कि विदेश में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। बृजभूषण की ओर से पेश वकील ने कहा था कि विदेश में हुई घटना इस कोर्ट के क्षेत्राधिकार में नहीं आती है।
शिकायतकर्ता की ओर से टोक्यो, मंगोलिया, बुल्गारिया, जकार्ता, कजाकिस्तान, तुर्की आदि में हुई घटना का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है। उन्होंने कहा था कि देश के बाहर हुए अपराध के ट्रायल का क्षेत्राधिकार इस अदालत के पास नहीं है क्योंकि अपराध देश और उसके बाहर भी हुआ है। ऐसे में मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से इजाजत लेना होता है।
कोर्ट ने 20 जुलाई, 2023 को बृजभूषण सिंह और सह आरोपित विनोद तोमर को जमानत दी थी। दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 7 जुलाई, 2023 को दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं।