सिख विरोधी दंगा मामले में टाइटलर को फिलहाल हाई कोर्ट से राहत नहीं, 29 नवंबर को होगी सुनवाई
Oct 1, 2024, 13:43 IST
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर । नई दिल्ली में वर्ष 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के मामले में आरोपित जगदीश टाइटलर को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोप तय करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने ट्रायल कोर्ट में चल रही सुनवाई पर फिलहाल कोई रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने टाइटलर के वकील अरविंद निगम को निर्देश दिया कि वे गवाहों के बयान दाखिल करें।
निगम ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोप तय करने का आदेश गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि चार दशक पुराने इस मामले में टाइटलर को परेशान किया जा रहा है। इस मामले में टाइटलर के अलावा दूसरा कोई आरोपित नहीं है। सीबीआई ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल किया था। अब सीबीआई उन गवाहों के बयान पर भरोसा कर रही है, जिन्होंने पहले अलग बयान दिया था। उन्होंने कहा कि टाइटलर के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है, जिससे कि आरोप तय किए जा सकें। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149, 153A, 188, 109, 295, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। इससे पहले 13 सितंबर को जगदीश टाइटलर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी।
राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर के वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपित सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया। मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था। इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। इस मामले में 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था।
निगम ने कहा कि ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोप तय करने का आदेश गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि चार दशक पुराने इस मामले में टाइटलर को परेशान किया जा रहा है। इस मामले में टाइटलर के अलावा दूसरा कोई आरोपित नहीं है। सीबीआई ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल करने के बाद क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल किया था। अब सीबीआई उन गवाहों के बयान पर भरोसा कर रही है, जिन्होंने पहले अलग बयान दिया था। उन्होंने कहा कि टाइटलर के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है, जिससे कि आरोप तय किए जा सकें। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149, 153A, 188, 109, 295, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। इससे पहले 13 सितंबर को जगदीश टाइटलर ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही थी।
राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर के वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपित सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था, जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया। मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था। इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। इस मामले में 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था।