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सशस्त्र बलों के जनजातीय नृत्य महोत्सव का गवाह बनेगा जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम

भारतीय सेनाओं के जवान नेवी बैंड, एयर वारियर ड्रिल और मार्शल आर्ट में कौशल दिखाएंगे 
 
सशस्त्र बलों के जनजातीय नृत्य महोत्सव का गवाह बनेगा जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
नई दिल्ली, 22 जनवरी। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 23 एवं 24 जनवरी को एक बार फिर संगीतमय प्रस्तुति के साथ जनजातीय नृत्य महोत्सव का गवाह बनने जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में पहली बार सशस्त्र बलों के दो दिन होने वाले 'आदि शौर्य-पर्व पराक्रम का' महोत्सव में 1200 से अधिक कलाकार भाग लेंगे। यह कार्यक्रम गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाने के लिए किया जायेगा।

नेताजी की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है। इस मौके पर पहली बार रक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें भारतीय तटरक्षक बल समन्वयक की भूमिका निभा रहा है। सशस्त्र बलों के संगीतमय तथा जनजातीय नृत्य महोत्सव को 'आदि शौर्य-पर्व पराक्रम का' नाम दिया गया है। नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 23-24 जनवरी को जनजातीय नृत्य शैली पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान पर प्रकाश डालना है।

इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए प्रारंभिक अभ्यास सत्र 10 जनवरी को शुरू हुआ था। सेना के ड्रम्स तथा ट्रम्पेट्स की गूंज ने देश की अनूठी सांस्कृतिक धरोहरों का प्रतिनिधित्व करने व 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना को उत्साह देने के लिए पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन के लिए मंच तैयार किया है। लगभग 1200 से अधिक कलाकारों ने अपने प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक दिन रिहर्सल की है। इस दौरान प्रत्येक समूह ने अपनी अनूठी और रंगीन वेशभूषा, संगीत वाद्ययंत्र तथा लयबद्ध नृत्य बीट्स के साथ भारतीयता को जीवंत किया है।

मुख्य कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले पारंपरिक नृत्य में गौर मारिया, गद्दी नाटी, सिद्दी धमाल, बैगा परधोनी, पुरुलिया, बगुरुंबा, घुसाड़ी, बाल्टी, लम्बाडी, पाइका, राठवा, बूंदी गली, सोंगीमुखवाते, कर्मा, मंघो, का शाद मस्तीह कुम्मीकली, पलैयार, चेराव और रेखम पाड़ा शामिल हैं। इन कार्यक्रमों एवं समूहों का समन्वय जनजातीय मामलों का मंत्रालय कर रहा है। इस दौरान भारतीय सेनाओं के जवान पैरामोटर ग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलून, हॉर्स शो, खुकुरी डांस, गतका, मल्लखंब, कलरीपयट्टू, थांग-टा, मोटरसाइकिल डिस्प्ले, एयर वारियर ड्रिल, नेवी बैंड और मार्शल आर्ट के जरिए अपना कौशल दिखाएंगे। कार्यक्रम के ग्रैंड फिनाले में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर की प्रस्तुति भी होगी। इस दौरान 10 सैन्य टैटू प्रदर्शन और 20 जनजातीय नृत्य देखने को मिलेंगे। इस कार्यक्रम में लगभग 60,000 दर्शकों के भाग लेने की उम्मीद है।