रबी सीजन में सर्दी में गर्मी से ज्यादा हो रही बिजली की मांग, सात प्लांट बंद

जयपुर, 23 नवंबर। राजस्थान में रबी के कृषि सीजन को लेकर सर्दी में गर्मी से ज्यादा बिजली की मांग हो गई है। स्थिति यह है कि बिजली का पीक लोड बढक़र 15 हजार 643 मेगावाट प्रतिदिन हो गया है। जबकि उपलब्धता 12 हजार 572 मेगावाट ही है। बिजली संकट के बीच 2 से 4 घंटे तक की घोषित-अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। बिजली विभाग का आकलन है कि अगले कुछ ही दिनों में पीक डिमांड 17 हजार 757 मेगावाट तक पहुंच सकती है। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने इस वित्त वर्ष में बिजली की मांग का आकलन कर इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेरिटी कमीशन को असेसमेंट भी दे रखा है। बिजली की मांग बढऩे का सबसे बड़ा कारण रबी का कृषि सीजन है। इसमें सरकार ने किसानों को तीन की जगह चार ब्लॉक में बिजली देना शुरू किया है। पहले सरकार तीन ब्लॉक में बिजली दे रही थी। अब छह घंटे का एक ब्लॉक बढ़ गया है। इंडस्ट्रियल लोड भी लगातार बढ़ रहा है। गीजर व हीटर जैसे उपकरण चलने लगे हैं। बिजली की कमी से निपटने के लिए तीनों बिजली कंपनियां- जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड घोषित-अघोषित तौर पर बिजली कटौती कर रही हैं। दो से चार घंटे तक पॉवर कट हो रहा है। कहीं-कहीं मेंटेनेंस के नाम पर भी बिजली काटी जा रही है। जबकि, पिछले महीने 24 अक्टूबर से पहले दीपावली मेंटीनेंस के नाम पर बड़े स्तर पर मेंटीनेंस वर्क चलाकर 4-4 घंटे की बिजली कटौती की गई थी। अब फिर लोगों को पॉवर कट का सामना करना पड़ रहा है। अभी भी सूरतगढ़ थर्मल की 250-250 मेगावाट की 1 व 3 नंबर की दो यूनिट, कोटा थर्मल पावर स्टेशन की 210 मेगावाट की 3 नंबर और 110 मेगावाट की 1 नंबर यूनिट, जेएसडब्ल्यूबीएल की 135-135 मेगावाट की 6 और 8 नम्बर की दो यूनिट, रामगढ़ जीटी-2 यूनिट 37.50 मेगावाट ठप है। कुल 1127.50 मेगावट कैपेसिटी की 7 यूनिटें अलग-अलग पावर प्लांट की बंद हैं। राहत की बात ये है कि सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की 600 मेगावाट की 8 नंबर की यूनिट फिर से चालू हो गई है, जो 15 नवंबर से इलेक्ट्रिकल और ईएसपी समस्या आने से मेंटेनेंस वर्क के कारण ठप थी। प्रदेश के कोयले के फ्यूल से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स में औसत 4 दिन का ही कोयला स्टॉक बचा है। केंद्र की गाइडलाइंस के मुताबिक राजस्थान में 26 दिन का कोयला बिजली घरों में रिजर्व स्टॉक में होना चाहिए। विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने बताया कि बिजली के संकट से निपटने के सभी अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (आरयूवीएनएल) ने तीनों डिस्कॉम को रबी सीजन में 6-6 घंटे के दो ब्लॉक में किसानों को दिन में और 6-6 घंटे के दो ब्लॉक रात में बिजली सप्लाई देने को कहा है। प्रदेश में करीब 15 लाख कृषि कनेक्शन हैं। नवंबर से पहले किसानों को कुल 3 ब्लॉक में 5-5 घंटे ही बिजली सप्लाई की जा रही थी। 6-6 घंटे के 4 ब्लॉक तय कर ज्यादा बिजली सप्लाई का दावा किया गया है। लेकिन दिन में दो ही ब्लॉक हैं। रात 10 से सुबह 4 और रात 11 से सुबह 5 बजे के दो ब्लॉक रखे गए हैं। अलग-अलग एरिया वाइज ये बिजली सप्लाई की जा रही है। इससे लाखों किसानों को सर्दी की रात में जागकर खेतों में सिंचाई का पानी देना होगा।