चंडीगढ़ पर भाजपा में ही मतभेद

हरियाणा विधानसभा के लिए अलग जमीन अलॉट करने का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में पंजाब की मान सरकार समेत सभी विपक्षी दल चंडीगढ़ पर पंजाब का हक जता चुके हैं। पंजाब की मान सरकार के बाद अब भाजपा की पंजाब ईकाई और हरियाणा की भाजपा सरकार आमने-सामने आ खड़ी हुई हैं। पंजाब भाजपा के प्रधान अश्वनी शर्मा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि चंडीगढ़ पर पंजाब का हक है। उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा को विधानसभा के लिए अलग जमीन की जरूरत है तो उसे चंडीगढ़ के अलावा किसी अन्य जगह जमीन तलाशनी चाहिए, न कि चंडीगढ़ में। इससे पहले पंजाब की मान सरकार के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि चंडीगढ़ को पंजाब के गांवों को उजाड़कर राजधानी के रूप में विकसित किया गया था। कांग्रेस ने पंजाबियों को धोखा देकर चंडीगढ़ को अस्थायी तौर पर हरियाणा की राजधानी बनाया था। चंडीगढ़ में हरियाणा के ऑफिस बन गए। यदि हरियाणा को अपनी मौजूदा विधानसभा की इमारत छोटी लगती है तो वह पंचकूला, करनाल या किसी अन्य जगह पर इसे बना लें। AAP ने कहा कि इस मामले का डटकर विरोध किया जाएगा। अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी बीते दिनों वीडियो जारी कर केंद्र सरकार पर पंजाब को तंग करने के मकसद से जानबूझ कर चाल चलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मामले में अंत तक लड़ाई लड़ेगी। राजा वड़िंग ने कहा कि अलग विधानसभा की मांग हरियाणा सरकार ने नहीं की, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा जानबूझ कर करवाई गई है। उन्होंने केंद्र सरकार पर बीते समय में SYL मामले समेत पंजाब यूनिवर्सिटी व अन्य मामलों पर भी पंजाब को जानबूझ कर तंग करने के आरोप लगाए हैं। अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने पंजाब गवर्नर से अपील करते हुए कहा कि वह हरियाणा सरकार की विधानसभा के स्पीकर द्वारा चंडीगढ़ में अलग विधानसभा बनाने की अपील को खारिज कर दें, क्योंकि यह हरियाणा का संवैधानिक अधिकार नहीं है। अध्यक्ष ने बुलाई मीटिंग शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए अलग जमीन अलॉट के मामले में 24 नवंबर को चंडीगढ़ स्थित पार्टी के हेड ऑफिस में वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग बुलाई है। इस संबंध में प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने ट्वीट कर जानकारी दी है।