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असम-मेघालय सीमा पर गोलीकांड की जांच सीबीआई को, असम मंत्रिमंडल की बैठक में अहम निर्णय

नई दिल्ली के असम हाउस में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक, न्यायमूर्ति रूमी फुकन को न्यायिक जांच की जिम्मेदारी
 
असम-मेघालय सीमा पर गोलीकांड की जांच सीबीआई को, असम मंत्रिमंडल की बैठक में अहम निर्णय

दिल्ली/गुवाहाटी, 23 नवंबर (हि.स.)। नई दिल्ली स्थित असम हाउस में बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें असम-मेघालय सीमा पर पिछले दिनों हुई गोलीबारी की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने कई दूसरे अहम निर्णय लिए। मंत्री जयंत मल्ल बरुवा ने आज संवाददाता सम्मेलन में मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी दी। सरकार ने असम-मेघालय सीमा पर मुइक्रोंग में हुई घटना पर दुख जताते हुए इसकी निंदा की है। असम मंत्रिमंडल ने न्यायमूर्ति रूमी फुकन को घटना की न्यायिक जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। कैबिनेट ने 60 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए भी कहा। दूसरी ओर कैबिनेट ने घटना की पुलिस जांच सीबीआई को सौंप दी है। साथ ही सीमा विवाद वाले क्षेत्रों में ऐसी स्थिति में गोली चलाने या नहीं चलाने को लेकर पुलिस विभाग को एसओपी बनाने का निर्देश दिया है। मंत्री बरुवा ने बताया कि आज की कैबिनेट ने 2023 के लिए सरकारी छुट्टियों की सूची को मंजूरी दे दी है। इस सूची में कैबिनेट ने 38 दिन की राजपत्रित छुट्टियों, 30 दिन की बहाली वाली छुट्टियों और दो दिन की आधी छुट्टी को मंजूरी दी। इस बीच, कैबिनेट ने असम के तीताबर में सिल्क कॉलेज के लिए 22.41 करोड़ रुपये मंजूर किए। दूसरी ओर, कैबिनेट ने जोंगल बल्हू इकोलॉजिकल साइट के विकास और बुनियादी ढांचे (लॉज, एक्वेरियम) आदि के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने 2,000 नए प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 25-25 लाख रुपये कुल 500 करोड़ रुपये मंजूर करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने उत्तर गुवाहाटी के गौरीपुर में चाय जंक्शन के रूप में उत्तर गुवाहाटी पुल के निर्माण के लिए 332 करोड़ 59 लाख रुपये को भी मंजूरी दी। इस प्रकार गौरीपुर में जंक्शन विकसित किया जाएगा। दूसरी ओर, आज की कैबिनेट ने व्यावसायिक आधार पर मूल्य वृक्षों के वनीकरण के साथ-साथ इन पेड़ों को काटने और बेचने के क्षेत्र में पहले से मौजूद जटिलताओं को दूर करने का निर्णय लिया है। व्यावसायिक आधार पर वनीकरण पर कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णय से अब आम लोग आरक्षित वनों में लगाए गए शाल, सागौन और होलोंग जैसे पेड़ों को अपने घरों में लगा सकेंगे और बेच सकेंगे। आरक्षित वन के पांच किमी के दायरे से आगे अब से वन विभाग वन क्षेत्र में लगाए गए कीमती पेड़ों को उगा सकेगा और उन्हें काटकर व्यापार कर सकेगा। इन पेड़ों के रोपण और कटाई के लिए आवेदन करना होगा और आवेदन के 48 घंटे के भीतर अनुमति प्राप्त करनी होगी। वहीं, अगर इस अवधि के भीतर आपको अनुमति नहीं मिलती है तो आवेदन करने वाले कागज को अनुमति का प्रमाण माना जाएगा।